पंजाब के रोजगार सृजन, कौशल विकास और प्रशिक्षण मंत्री अमन अरोड़ा ने पंचायतों से अपील की कि वे गांव स्तर के विवादों को आपसी सहमति से सुलझाएं। साथ ही उन्होंने पंचायतों से अपने गांवों को नशा मुक्त बनाकर 'नशा मुक्त पंजाब मिशन' से जुड़ने का आह्वान किया।
पंजाब के रोजगार सृजन, कौशल विकास और प्रशिक्षण मंत्री अमन अरोड़ा ने पंचायतों से अपील की कि वे गांव स्तर के विवादों को आपसी सहमति से सुलझाएं। साथ ही उन्होंने पंचायतों से अपने गांवों को नशा मुक्त बनाकर 'नशा मुक्त पंजाब मिशन' से जुड़ने का आह्वान किया।
रोजगार सृजन मंत्री ने मोगा जिले के 2486 नव-निर्वाचित पंचों को शपथ दिलाई
खबर खास, चंडीगढ़ :
पंजाब के रोजगार सृजन, कौशल विकास और प्रशिक्षण मंत्री अमन अरोड़ा ने पंचायतों से अपील की कि वे गांव स्तर के विवादों को आपसी सहमति से सुलझाएं। साथ ही उन्होंने पंचायतों से अपने गांवों को नशा मुक्त बनाकर 'नशा मुक्त पंजाब मिशन' से जुड़ने का आह्वान किया।
वे आज गांव लुहारा के फक्कर बाबा दामू शाह स्टेडियम में जिला स्तरीय शपथ ग्रहण समारोह को संबोधित कर रहे थे, जहां उन्होंने मोगा जिले की 340 ग्राम पंचायतों में से 2486 नव-निर्वाचित पंचायत सदस्यों (पंचों) को शपथ दिलाई।
अमन अरोड़ा ने नव-निर्वाचित पंचायत सदस्यों को बधाई दी और गांवों के सर्वांगीण विकास के लिए राजनीतिक गुटबाजी से ऊपर उठकर काम करने की अपील की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पंचायतों को निर्णय लेने की प्रक्रिया में आम नागरिकों को शामिल करना चाहिए और ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन स्तर को सुधारने पर ध्यान देना चाहिए। इससे स्थानीय मुद्दों को अधिक प्रभावी ढंग से हल करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और जनकल्याण के क्षेत्रों में विकास के एक नए युग की शुरुआत की है। उन्होंने पंचायतों को प्रेरित किया कि वे अपने गांवों का कायाकल्प करने की पहल करें, जिससे पंजाब और पंजाबी संस्कृति का मान बढ़े।
अरोड़ा ने ग्रामीण विकास परियोजनाओं और रोजगार सृजन के लिए मनरेगा फंड्स के उपयोग की महत्ता को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि पंचायत प्रणाली स्थानीय स्वशासन को मजबूत बनाकर और जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को सशक्त बनाकर अहम भूमिका निभा सकती है। यह महिलाओं और हाशिए पर रहने वाले लोगों सहित गांववासियों को अपनी समस्याएं उठाने का अवसर देती है और ऐसे निर्णय लेने में मदद करती है जो सीधे उनके जीवन को प्रभावित करते हैं।
इसके अलावा, पंचायतें स्थानीय समस्याओं और विवादों के समाधान के लिए मंच का काम करती हैं, जिससे न्याय प्रणाली पर बोझ कम होता है और सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा मिलता है। यह स्थानीय शासन ढांचा सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करता है और यह सुनिश्चित करता है कि विकास की पहलें जनता की जरूरतों के अनुरूप हों।
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