भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयू पंजाब), बठिंडा के दशम दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय ने 1,091 पीजी और पीएचडी उपाधियाँ और 43 स्वर्ण पदक उत्कृष्ट विद्यार्थियों को प्रदान किए
पाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी और स्वर्ण पदक विजेताओं की सराहना की
खबर खास, बठिंडा :
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयू पंजाब), बठिंडा के दशम दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय ने 1,091 पीजी और पीएचडी उपाधियाँ और 43 स्वर्ण पदक उत्कृष्ट विद्यार्थियों को प्रदान किए तथा पाँच प्रतिष्ठित व्यक्तियों को मानद उपाधियाँ (डी.लिट.) सम्मानस्वरूप दीं गई। विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित इस दीक्षांत समारोह में गणमान्य अतिथियों, संकाय सदस्यों, छात्रों और उनके गौरवान्वित अभिभावकों की उपस्थिति रही।
समारोह की शुरुआत में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. जगबीर सिंह और कुलपति प्रो. राघवेन्द्र पी. तिवारी ने माननीय राष्ट्रपति एवं दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि श्रीमती द्रौपदी मुर्मु और पंजाब के राज्यपाल एवं विशिष्ट अतिथि गुलाब चंद कटारिया का गर्मजोशी से स्वागत किया। पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डीयां विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
अपने संबोधन में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी और स्वर्ण पदक विजेताओं की सराहना की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दीक्षांत समारोह केवल एक उपलब्धि नहीं, बल्कि एक नई यात्रा की शुरुआत भी है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी छात्र अपने आचरण और योगदान के माध्यम से विश्वविद्यालय, अपने परिवार और देश का नाम रोशन करेंगे।
उन्होंने छात्रों को जीवन में जिज्ञासा, मौलिकता, नैतिकता, दूरदर्शिता और सहजता को अपनाने के लिए प्रेरित किया। मौलिकता का एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत करते हुए, उन्होंने विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राज कुमार की उपलब्धि को उजागर किया, जिन्हें कैंसर अनुसंधान के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय कार्य के लिए राष्ट्रपति भवन में आयोजित विज़िटर कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रतिष्ठित विज़िटर अवार्ड प्रदान किया गया।
राष्ट्रपति ने कहा कि पंजाब पाँच नदियों की पावन भूमि एवं दस सिख गुरु साहिबानों की कृपा से समृद्ध है। उन्होंने उल्लेख किया कि श्री दमदमा साहिब (गुरु की काशी) के निकट स्थित सीयू पंजाब के छात्रों को बठिंडा में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
राष्ट्रपति ने सीयू पंजाब की उत्कृष्ट प्रगति की सराहना की और इसके शैक्षणिक उत्कृष्टता, अनुसंधान, और नवाचार के प्रति समर्पण की प्रशंसा की। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा प्रवासी समुदाय (डायस्पोरा) और प्रवासन (माइग्रेशन) विषयों पर विशेष अध्ययन को प्राथमिकता देने के प्रयासों की सराहना की और इसे शिक्षण और अनुसंधान को अधिक प्रासंगिक बनाने की दिशा में एक सराहनीय पहल बताया।
राष्ट्रपति ने इस तथ्य पर प्रसन्नता व्यक्त की कि पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय विभिन्न संस्कृतियों के संगम के रूप में कार्य कर रही है, जहाँ लगभग सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ-साथ 20 अन्य देशों के छात्र शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय के शिक्षकों का समुदाय भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है। उन्होंने इस राष्ट्रव्यापी प्रतिनिधित्व को विश्वविद्यालय की एक विशेष पहचान बताया, जो ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को साकार करता है।
उन्होंने विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा में महिलाओं की महत्वपूर्ण भागीदारी को स्वीकार किया और यह उल्लेख किया कि इस वर्ष के 65% स्वर्ण पदक महिला छात्रों को प्रदान किए गए हैं। उन्होंने स्नातकों से ‘विकसित भारत @ 2047’ के निर्माण में योगदान देने का आह्वान किया और उनसे अपने ज्ञान, रचनात्मकता और कौशल का उपयोग राष्ट्रीय प्रगति के लिए करने की अपील की। राष्ट्रपति ने व्यक्तिगत रूप से नौ छात्रों को स्वर्ण पदक प्रदान किए।
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