आरटीए-स्टेट ड्राइविंग सेंटर की मिलीभगत आई सामने
आरटीए-स्टेट ड्राइविंग सेंटर की मिलीभगत आई सामने
खबर खास, चंडीगढ़ :
पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने आरटीए गुरदासपुर, स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ आटोमोबाईल एंड ड्राइविंग स्किल सैंटर, महूआना ज़िला श्री मुक्तसर साहिब के मुलाजिमों और गुरदासपुर जिले में काम कर रहे प्राईवेट दस्तावेज़ एजेंटों के बीच मिलीभगत का पर्दाफाश करते हुये हैवी ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने वाले एक बड़े और फ़र्ज़ी भ्रष्टाचार रैकेट को बेनकाब किया है। इस केस में विजिलैंस ब्यूरो ने सात मुलजिमों के विरुद्ध भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है, जिनमें से मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर (एमवीआइ) समेत चार मुलजिमों को गिरफ़्तार कर लिया है।
आज यहाँ इस बारे जानकारी देते हुये राज्य विजिलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि पठानकोट के रहने वाले एक व्यक्ति से मिली शिकायत पर कार्यवाही करते हुये विजिलैंस ब्यूरो ने आरटीए, गुरदासपुर में डाटा एंट्री आपरेटर प्रतिभा शर्मा के विरुद्ध गहनता से जांच शुरू की थी। अब तक की जांच के आधार पर इस केस में विजिलैंस ब्यूरो के थाना अमृतसर रेंज में भ्रष्टाचार रोकथाम कानून, आइपीसी और आईटी एक्ट की सम्बन्धित धाराओं के अंतर्गत एफआईआर नंबर 32 तारीख़ 4 अगस्त, 2025 दर्ज की है।
उन्होंने बताया कि जांच से पता लगा है कि एसआईएडीऐस सैंटर महूआना द्वारा जारी किये गए 51 ड्राइविंग ट्रेनिंग सर्टीफिकेटों में से 23 जाली पाये गए क्योंकि सिर्फ़ 27 जायज़ सर्टिफिकेट नंबर रिकार्ड में थे। बताने योग्य है कि सिस्टम जनरेटिड फील्ड जैसे विलक्षण सर्टिफिकेट नंबर, क्यूआर कोड और रसीद नंबर में शामिल मोबाइल नंबर, जोकि प्रमाणिकता के महत्वपूर्ण मापदंड हैं, को सिर्फ़ संस्था के मुलाजिमों द्वारा ही बदला जा सकता था। इन मापदण्डों में किसी भी तरह की गड़बड़ी से धोखाधड़ी के अमल का पता लगता है।
प्रवक्ता ने बताया कि इस जांच में कुलबीर डाक्यूमैंटस सैंटर, शैली डाक्यूमैंटस सैंटर, जीएमडी डाक्यूमैंटस सैंटर और पंजाब डाक्यूूमैंटस समेत प्राईवेट एजेंटों की भूमिका का पता लगा है, जिन्होंने रिश्वत के बदले आवेदकों को जाली दस्तावेज़ देने में मदद की। वित्तीय लेन-देन से पता लगा कि इन एजेंटों द्वारा पूर्व आरटीए डाटा एंट्री आपरेटर राकेश कुमार, जो अब एसडीएम दफ़्तर बटाला में तैनात है और उक्त प्रतिभा शर्मा के बैंक खातों में सीधे भुगतान किये गए थे। एसआईएडीऐस महूआना में लाईट मोटर व्हीकल (एलएमवी) इंस्ट्रक्टर और जीआइ ड्राइविंग इंचार्ज, सुखदेव सिंह ने जाली सर्टिफिकेट तैयार करने के लिए सिस्टम तक अपनी पहुँच का दुरुपयोग करते हुये ग़ैर- कानूनी ढंग के साथ प्रति सर्टिफिकेट 430 रुपए वसूल कर सरकारी खजाने को वित्तीय नुक्सान पहुँचाया।
इस मामले में विजिलैंस ब्यूरो ने चार मुख्य मुलजिमों- गुरदासपुर के गाँव मैदोवाल कलां का निवासी और एमवीआइ और जीआइ ड्राइविंग इंचार्ज एसआईएडीएस सैंटर सुखदेव सिंह, शैली डाक्यूमेंट सैंटर के अमित कुमार उर्फ शैली, पंजाब डाक्यूमेंट के जगप्रीत सिंह और राकेश कुमार, जोकि इस समय बटाला में तैनात है, को गिरफ़्तार किया है। बाकी मुलजिमों कुलबीर डाक्यूमेंट सैंटर के कुलबीर सिंह, जीएमडी डाक्यूमेंट सैंटर के राकेश कुमार और आरटीए गुरदासपुर की प्रतिभा शर्मा को गिरफ़्तार करने के लिए छापेमारी की जा रही है। सभी गिरफ़्तार व्यक्तियों को कल अदालत में पेश किया जायेगा। उन्होंने आगे कहा कि इस मामले की आगे जांच जारी है।टीबी रोगियों हेतु नया अभियान, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के सभी विभाग और संस्थान टीबी जागरूकता और उन्मूलन गतिविधियों में होंगे शामिल
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