हिमाचल के स्कूलों में सामाजिक, भावनात्मक और नैतिक शिक्षण (SEEL) कार्यक्रम शुरू होगा। प्रदेश सरकार ने इस कार्यक्रम को शुरू करने के लिए पीरामल फाउंडेशन के साथ करार किया है। हिमाचल की ओर से आज शिक्षा सचिव राकेश कंवर और पीरामल फाउंडेशन की ओर से निदेशक सौरभ जोहरी ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
खबर खास, शिमला :
हिमाचल के स्कूलों में सामाजिक, भावनात्मक और नैतिक शिक्षण (SEEL) कार्यक्रम शुरू होगा। प्रदेश सरकार ने इस कार्यक्रम को शुरू करने के लिए पीरामल फाउंडेशन के साथ करार किया है। हिमाचल की ओर से आज शिक्षा सचिव राकेश कंवर और पीरामल फाउंडेशन की ओर से निदेशक सौरभ जोहरी ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
हिमाचल सरकार ने स्कूली छात्रों में सामाजिक, भावनात्मक और नैतिक शिक्षा (SEEL) को बढ़ावा देने के लिए पीरामडल फाउंडेशन के साथ अहम साझेदारी की है। प्रदेश सरकार की यह पहल नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य छात्रों में 21वीं सदी के कौशल को बढ़ावा देना, नेतृत्व को सुदृढ़ करना और व्यवस्थागत परिवर्तन को सक्षम बनाना है। दरअसल पीरामल फाउंडेशन और हिमाचल प्रदेश सरकार ने मई 2024 में एक समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए थे और अब दोनों पक्षों ने 5 साल के एमओयू के माध्यम से अपनी साझेदारी को औपचारिक रूप से आगे बढ़ाया है।
सामाजिक, भावनात्मक और नैतिक शिक्षण (SEEL) कार्यक्रम को अमेरिका की एमोरी यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर कंटेम्प्लेटिव साइंस एंड कम्पैशन-बेस्ड एथिक्स द्वारा विकसित किया गया है। साल 2019 में पीरामल फाउंडेशन और एमोरी यूनिवर्सिटी के बीच साझेदारी से इसे भारत में लागू किया गया।
यह कार्यक्रम छात्रों को एक वैज्ञानिक रूप से मजबूत पाठ्यक्रम के माध्यम से आंतरिक रूप से सशक्त बनाने की प्रक्रिया प्रदान करता है, जो सहानुभूति को उसी तरह सिखाता है जैसे हम भूगोल और गणित पढ़ाते हैं। बीते पांच वर्षों में पीरामल फाउंडेशन ने SEE Learning प्रोग्राम को भारत के 6 राज्यों के 100,000 से अधिक स्कूलों में सफलतापूर्वक लागू किया है।
इस मौके पर शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने कहा कि पीरामल फाउंडेशन के साथ यह साझेदारी राज्य की शिक्षा व्यवस्था को विकसित और परिवर्तित करने के सरकार के संकल्प को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि इस साझेदारी के माध्यम से हिमाचल सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में निर्धारित लक्ष्यों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है ताकि हर बच्चे के लिए उज्जवल और मजबूत भविष्य सुनिश्चित किया जा सके।
पीरामल फाउंडेशन के निदेशक सौरभ जोहरी ने इस मौके पर कहा कि भारत ने पिछले 75 वर्षों में विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि 'शिक्षा सभी के लिए' अब एक वास्तविकता बन चुकी है और यह सरकार और समाज के सहयोग से संभव हुआ है। आज हम हिमाचल प्रदेश सरकार के साथ अपनी साझेदारी को मजबूत करने के लिए तैयार हैं ताकि एक भविष्य के लिए तैयार और सहानुभूतिपूर्ण पीढ़ी का निर्माण किया जा सके, जैसा कि हम विकसित भारत की ओर बढ़ रहे हैं।
सेंटर फॉर कंटेम्प्लेटिव साइंस एंड कम्पैशन-बेस्ड एथिक्स, एमोरी यूनिवर्सिटी के कार्यकारी निदेशक डॉ. लोब्सांग तेंज़िन नेगी ने कहा कि "सहानुभूति आधारित शिक्षा की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है, और हम SEE Learning के माध्यम से इसे आगे बढ़ा रहे हैं। इस प्रयास में पीरामल फाउंडेशन के सहयोग के लिए हम आभारी हैं।
इस अवसर पर दलाई लामा कार्यालय के सचिव Tseten Sampdup Chhoekyapa, समग्र शिक्षा निदेशालय से योजना समन्वयक सुनील शर्मा, समन्वयक सीमा वर्मा के अलावा पीरामल स्कूल ऑफ लीडरशिप की कोर टीम के सदस्य अंशु दुबे और घनश्याम सोनी और पीरामल स्कूल ऑफ लीडरशिप से मौलश्री कलोठिया, प्रोग्राम डायरेक्टर और राजेंद्र कुमार विशेष तौर पर उपस्थित रहे।
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