इस नई पहल से राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग में और अधिक पारदर्शिता होगी सुनिश्चित राजस्व विभाग की नागरिक सेवाओं का लाभ अब एक ही मंच पर मिल सकेगा
इस नई पहल से राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग में और अधिक पारदर्शिता होगी सुनिश्चित राजस्व विभाग की नागरिक सेवाओं का लाभ अब एक ही मंच पर मिल सकेगा
खबर खास, चंडीगढ़
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की नई आधिकारिक वेबसाइट https://revenueharyana.gov.in/ का अनावरण किया। इस नई पहल से विभाग में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और लीकेज की गुंजाइश की कोई सम्भावना नहीं होगी। यह वेबसाइट नई तकनीक, नवाचार सेवा का माध्यम होगा और इस आदर्श डिजिटल प्लेटफार्म से आम गरीब व्यक्ति भी सीधा लाभ ले सकेगा।
मुख्यमंत्री ने यह बात आज हरियाणा निवास में नई वेबसाइट का शुभारंभ करने के उपरांत मीडिया को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने वेबसाइट तैयार करने के लिए राजस्व विभाग के अधिकारियों और उनकी आईटी टीम के अथक प्रयासों के लिए अपनी शुभकामनाएँ भी व्यक्त कीं और उनकी सराहना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सरल पोर्टल पर मिल रही नागरिक सेवाओं के लिए मास्टर पोर्टल के रूप में कार्य करेगा तथा राजस्व विभाग की 26 नागरिक सेवाओं की उपलब्धता आनलाइन रहेगी। इससे राजस्व विभाग अब लोगों के और भी करीब होगा। इस नई वेबसाइट के साथ ही राजस्व सेवाएं एक ही मंच पर उपलब्ध होंगी, जिससे नागरिकों को राजस्व कार्यालयों में बार-बार चक्कर काटने की आवश्यकता नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि उच्च तकनीकी रूप से उन्नत इस वेबसाइट में सिंगल साइन-ऑन (एसएसओ) जैसी विशेषताएं हैं, जो उपयोगकर्ताओं को एक ही लॉगिन क्रेडेंशियल, ऑनलाइन स्लॉट बुकिंग, वास्तविक समय डिजिटल डिस्प्ले सिस्टम, समर्पित हेल्प डेस्क और स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध जानकारी के साथ कई एप्लिकेशन और वेबसाइटों तक आसान पहुंच रहेगी। इसकी एक प्रमुख विशेषता होगी कि नागरिक अपने घर बैठे ही पंजीकरण आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने राजस्व रिकार्ड के डिजिटलाइजेंशन लिए एक नए युग की शुरुआत की है, जो अब पूरी तरह से जीआईएस-आधारित हैं, जिससे भूमि की स्थिति की वास्तविक समय पर निगरानी संभव हो पाएगी।
एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने अपने शासन काल के दौरान किसानों की फसलों के नुकसान के लिए 5500 करोड़ रुपये वितरित किए थे, जबकि वर्तमान सरकार ने अब तक लाभार्थी किसानों के बैंक खातों में 15,000 करोड़ रुपये फसल खराबे के वितरित किए हैं। उन्होंने बताया कि 2014 से वर्तमान सरकार ने डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से नागरिक-केंद्रित सेवाएँ प्रदान करने के लिए उल्लेखनीय प्रयास किए हैं। इस पहल से व्यवस्था में अभूतपूर्व पारदर्शिता आई है, जिससे सरकार में जनता का विश्वास बढ़ा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष पोर्टल बंद करने की बात कहता है पंरतु उन्हें इस बात का ज्ञान नहीं की यह पारदर्शिता पोर्टल के कारण ही सम्भव हुई है। पहले जो लाभ किसान तक नहीं पहुंचता था और बीच में ही लीकेज हो जाता था, हमने इस लीकेज को रोका है और अब लाभार्थी किसानों के खातों में सीधा लाभ पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि गरीब व्यक्ति मजबूत व सशक्त बने इस दिशा में हम आगे बढ़ा रहे है। विपक्ष तो केवल दुष्प्रचार करने का कार्य कर रहा है।
उन्होंने एक प्रश्न के उतर में कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य है जहां पर सब्जी किसानों के लिए भावांतर भरपाई योजना लागू की हुई है। किसानों की सभी फसलें एमएसपी पर खरीदी जा रही है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के किसानों को जागरूक किया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान प्राकृतिक खेती को अपनाएं। उन्होंने कहा कि अत्याधिक रासायनिक खादों व कीटनाशकों के उपयोग से उगाए जाने वाले अनाज से मानव के साथ-साथ पशु-पक्षियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड रहा है। इसी को देखते हुए प्रधानमंत्री ने प्राकृतिक खेती का विजन देश के किसानों के समक्ष रखा है।
इस अवसर पर राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि हरियाणा भूमि प्रशासन में बदलाव लाने में उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है। हरियाणा लार्ज स्केल मैपिंग प्रोजेक्ट और मॉडर्न रेवेन्यू रिकॉर्ड रूम जैसी महत्वाकांक्षी पहलों के माध्यम से, राज्य का लक्ष्य आवश्यक भूमि डेटा को प्राकृतिक और मानव निर्मित, दोनों तरह की बाधाओं से सुरक्षित रखना है। इन सुधारों से ग्रामीण और शहरी भूमि प्रबंधन प्रणालियों में अभूतपूर्व स्पष्टता, पारदर्शिता और दक्षता आने की उम्मीद है। इस नई वेबसाइट का शुभारंभ हरियाणा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है, क्योंकि इसका उद्देश्य आवश्यक सेवाओं को सीधे लोगों तक पहुँचाना है।
हरियाणा की वित्त आयुक्त राजस्व डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि राजस्व विभाग अगले महीने से और अधिक नवीन डिजिटल समाधान शुरू करने की योजना बना रहा है, जिसमें निजी संपत्ति पोर्टल, निशानदेही पोर्टल (डिजिटल सीमांकन और सीमा सत्यापन के लिए) और एक पेपरलेस पंजीकरण प्रणाली शामिल है, जो राज्य भर में संपत्ति पंजीकरण को सरल और डिजिटल बनाएगी।
उन्होंने कहा कि इस नई वेबसाइट का शुभारंभ केवल एक डिजिटल उन्नयन ही नहीं, बल्कि हरियाणा के भूमि प्रशासन मॉडल में एक क्रांतिकारी बदलाव है। मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के दूरदर्शी नेतृत्व और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के समर्पित प्रयासों से, हरियाणा पूरी तरह से डिजिटल, पारदर्शी और नागरिक-प्रथम राजस्व प्रशासन प्रणाली की ओर बढ़ रहा है।
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