हरियाणा विधानसभा के सदस्यों के लिए लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) के सहयोग से हरियाणा विधानसभा में आयोजित दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम के दूसरे दिन शनिवार को विधायी कार्यो पर विभिन्न वक्ताओं ने विधायको का ज्ञानवर्धन किया।
हरियाणा विधानसभा के सदस्यों के लिए लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) के सहयोग से हरियाणा विधानसभा में आयोजित दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम के दूसरे दिन शनिवार को विधायी कार्यो पर विभिन्न वक्ताओं ने विधायको का ज्ञानवर्धन किया।
केंद्रीय मंत्री ने विधायको के साथ किए अपने अनुभव सांझा
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा विधानसभा के सदस्यों के लिए लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) के सहयोग से हरियाणा विधानसभा में आयोजित दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम के दूसरे दिन शनिवार को विधायी कार्यो पर विभिन्न वक्ताओं ने विधायको का ज्ञानवर्धन किया।
इस मौके पर जिसमें केंद्रीय आवास एवं उर्जा मंत्री मनोहर लाल, गुजरात विधानसभा अध्यक्ष शंकर भाई चौधरी, हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, लोकसभा के पूर्व सदस्य डॉ सत्यपाल सिंह और राज्य सभा सचिवालय से अतिरिक्त व सयुक्त सचिव स्तर के अधिकारयों ने अपने-अपनें विचार रखें।
इस अवसर पर हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने प्रबोधन कार्यक्रम में आए वक्ताओं का स्वागत किया और उन्हें स्मृति चिंह व शॉल भेंट कर सम्मानित किया। मनोहर लाल ने विधायी प्रक्रियों में मंत्रियों की भूमिका विषय पर बोलते हुए अपने साढ़े 9 वर्ष के बतौर मुख्यमंत्री और अब तक 250 दिनों के कंेद्रीय मंत्री के रूप में अपने अनुभव विधानसभा सदस्यों के साथ सांझा किए। श्री मनोहर लाल ने कहा कि उन्हें हरियाणा प्रदेश की 13वीं व 14वीं विधानसभा में सदस्य के रूप में प्रदेश की जनता की सेवा करने का सौभग्य मिला है।
उन्होंने बताया कि एक बेहतर मंत्री बनने के लिए एक सदस्य को विधायी प्रक्रिया, नियमों और कानूनों के साथ-साथ अपने विभागों के अलावा दूसरे विभागों के महत्वपूर्ण विषयों की भी पूर्ण जानकारी होनी चाहिए। ताकि वें विधानसभा सत्रों के दौरान पूछे जाने वाले प्रश्नों का पूरी जानकारी के साथ उतर दे सके।
उन्होंने कहा कि कई बार परिस्थियों अनुसार विधानसभा के माध्यम से नए कानून बनाने की आवश्यकता होती है और कानून में संशोधन भी करना पड सकता है। एसे में एक मंत्री को सम्बंधित कानून के ड्राफट का गहनता से अध्ययन करना चाहिए, ताकि उसके उदेश्यों से भलीभांति परिचित हो सकें। श्री मनोहर लाल ने साधारण बिल व मनी बिल के बारे में भी विधायको को विस्तार से जानकारी दी।
विधानसभा सवांद करने का एक मंच है न कि वाद-विवाद का - शंकर भाई चौधरी
इससे पूर्व गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष शंकर भाई चौधरी ने विधायी अनुभव विषय पर अपने अनुभव को सांझा करते हुए कहा कि विधानसभा सवांद करने का एक मंच है न कि वाद-विवाद करने का। उन्होंने कहा कि विधानसभा सदस्य सदन की मर्यादा में रहते हुए अपनी बात रखें और साथ ही अन्य सदस्यों को भी धैर्य के साथ सुनें। उ
प्रबोधन कार्यक्रम से नए चुन कर आए सदस्यों को होगा विशेष लाभ -पठानिया
इस दौरान हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने विधायी अनुभव विषय पर बोलते हुए कहा कि हरियाणा विधानसभा द्वारा विधायको के लिए प्रबोधन कार्यक्रम का आयोजन एक अच्छी पहल है जिससे विशेषकर नए चुन कर आए सदस्यों को विधायी कार्यो को बेहतर ढंग से करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि सदस्यों को समय निकालकर तकनीक के माध्यम से जानकारी जुटाने के साथ-साथ सदैव नए नियमों और कानूनों से परिचित रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि विधायी कार्यो में विधानसभा की विभिन्न समितियों का विशेष महत्व है इसलिए विधायक इन समितियों में अपनी अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करें। इसके अलावा, सदस्यों को अपने-अपने क्षेत्रों की समस्याओं को प्रभावी ढंग से सदन में उठाना चाहिए ताकि उनका समाधान करवाकर वें लोगों की आशाओं व अकांक्षाओं पर खरा उतर सकें।
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