सरकार कालका से लेकर कलेसर तक के पूरे क्षेत्र को पर्यटन हब के रूप में विकसित कर रही मुख्यमंत्री ने कालेश्वर महादेव मठ मंदिर में भगवान शिव की पूजा अर्चना भी की
सरकार कालका से लेकर कलेसर तक के पूरे क्षेत्र को पर्यटन हब के रूप में विकसित कर रही मुख्यमंत्री ने कालेश्वर महादेव मठ मंदिर में भगवान शिव की पूजा अर्चना भी की
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि जीवन का आधार प्रकृति है और प्रकृति का संरक्षण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। आज हम आधुनिकता की दौड़ में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, वन महोत्सव हमें इसी बात की याद दिलाता है कि विकास की अंधी दौड़ में हम प्रकृति का शोषण न करें, बल्कि उसके साथ मिलकर रहना सीखें। जब हम एक पेड़ लगाते हैं तो हम जीवन का एक स्रोत रोपित करते हैं, एक नई उम्मीद पैदा करते हैं।
मुख्यमंत्री सोमवार को यमुनानगर के कलेसर में वन विभाग द्वारा आयोजित राज्यस्तरीय वन महोत्सव में बतौर मुख्यातिथि शिरकत कर रहे थे। उन्होंने राज्य स्तरीय वन महोत्सव में पौधारोपण भी किया, साथ ही वन विभाग के नव निर्मित विश्राम गृह का उद्घाटन भी किया। कार्यक्रम से पहले मुख्यमंत्री ने कालेश्वर महादेव मठ मंदिर में जाकर भगवान शिव की पूजा अर्चना की और प्रदेश की सुख स्मृद्धि के लिए कामना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन महोत्सव प्रकृति के प्रति हमारी कृतज्ञता, हमारे दायित्व और आने वाली पीढ़ियों का स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित करने के हमारे संकल्प का प्रतीक है। कलेसर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह न केवल पर्यावरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यटकों, प्रकृति प्रेमियों और ट्रेकिंग करने वालों के लिए भी बेहद आकर्षक स्थल है। सरकार कालका से लेकर कलेसर तक के पूरे क्षेत्र को पर्यटन हब के रूप में विकसित कर रही हैं।
प्रदेश में 2 करोड़ 10 लाख पौधे लगाए जाएंगे
मुख्यमंत्री कहा कि वन क्षेत्रों को बढ़ाने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 5 जून, 2024 को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर दिल्ली के बुद्ध जयंती पार्क में पौधारोपण करते हुए एक पेड़ मां के नाम से एक अनूठा अभियान शुरू किया था। इसी कड़ी में एक पेड़ मां के नाम के पहले चरण में हरियाणा में 1 करोड़ 60 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा था, हमने लक्ष्य से बढक़र 1 करोड़ 87 लाख पौधे लगाये।
अवैध कटाई को रोकने और वन्यजीवों के संरक्षण के लिए कड़े कदम उठाए
मुख्यमंत्री नक कहा कि सरकार ने शहरी वानिकी को बढ़ावा देने के लिए भी विशेष योजनाएं शुरू की हैं, ताकि शहरों में भी हरियाली बढ़ाई जा सके। इसके साथ ही, अवैध कटाई को रोकने और वन्यजीवों के संरक्षण के लिए कड़े कदम उठाए हैं। वन विभाग को इस दिशा में और अधिक सक्रिय होने के निर्देश दिए गए हैं। कलेसर नेशनल पार्क में भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं। यहां अवैध शिकार पूरी तरह बंद कर दिया गया है। इसी का परिणाम है कि पिछले वर्ष अप्रैल, अक्तूबर और फरवरी माह में 8 से 10 हाथियों का समूह यहां देखा गया। बनसंतोर में हाथियों का पुनर्वास किया गया है। हमने वनों और वन्य जीवों के प्रति समाज को संवेदनशील बनाने के लिए यहां जीप सफारी व बच्चों के स्टडी टूर आदि की व्यवस्था भी की है।
वन्य जीवों के लिए पीने का पानी उपलब्ध कराने के बनाये बांध
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने दक्षिण हरियाणा में हरित अरावली कार्य योजना का भी शुभारंभ किया है। केन्द्र व राज्य सरकारों द्वारा बनाई गई यह परियोजना अरावली पहाडिय़ों के चार राज्यों मे लागू की जाएगी, जिनमें हरियाणा भी शामिल है। इन चार राज्यों में 29 जिलों का चयन किया गया है, जिनमें पांच जिले हरियाणा के हैं। राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों विशेषकर शिवालिक एरिया में जल संरक्षण करने के लिए बांध बनाए गए हैं, जो वन्य जीवों के लिए पीने का पानी उपलब्ध कराने के साथ-साथ भूमिगत जल स्तर को भी सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
पुस्तिकाओं का किया विमोचन
सैनी ने हरियाणा फॉरेस्ट न्यूज और प्राण वायु देवता पुस्तिकाओं का विमोचन भी किया। उन्होंने कहा ये पुस्तिकाएं केवल सूचना के स्रोत नहीं हैं, बल्कि ये वन संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के हमारे प्रयासों का अभिन्न अंग हैं।
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