फसल और अन्य नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार ने खोला हुआ है ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल मुख्यमंत्री सैनी ने जलभराव से प्रभावित गांवों के जन प्रतिनिधियों से की बातचीत
फसल और अन्य नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार ने खोला हुआ है ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल मुख्यमंत्री सैनी ने जलभराव से प्रभावित गांवों के जन प्रतिनिधियों से की बातचीत
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि जलभराव की आपदा में पक्ष, विपक्ष और आमजन को मिलकर धैर्य के साथ सेवा करने की जरूरत है, ताकि सभी इस आपदा से निजात पा सकें। उन्होंने कहा कि जलभराव वाले क्षेत्रों में धीरे-धीरे पानी कम हो रहा है। पहाड़ों से आए ज्यादा पानी से प्रदेश के करीब 3000 गांव प्रभावित हुए हैं। इन गांवों में फसल और अन्य नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार ने ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला हुआ है, जहां पर अब तक 1,69,738 किसानों ने 9,96,701 एकड़ फसल के खराबे का आवेदन किया है।
मुख्यमंत्री ने शनिवार को शाहाबाद में जलभराव से प्रभावित गांवों के जन प्रतिनिधियों से बातचीत की और एक एक गांव की स्थिति व नुकसान के बारे में जानकारी ली। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मार्कंडेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना की और साथ ही जलभराव प्रभावित क्षेत्र से शिफ्ट किए हुए नागरिकों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को जाना और आश्वासन दिया कि प्रदेश सरकार नागरिकों को हर संभव मदद पहुंचा रही है।
इसके उपरांत पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में हुई अत्यधिक बारिश से ज्यादा पानी आने की वजह से प्रदेश के गांव जलभराव से प्रभावित हुए हैं। जिन लोगों के घर तक पानी पहुंचा है, उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। उनके लिए रहने, खाने-पीने और अन्य व्यवस्थाएं की गई है। इसके अलावा पशुओं के चारे का भी प्रबंध किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में भी प्रदेश के अंदर ऐसी स्थिति पैदा हुई थी। प्रदेश में अधिकारी व्यवस्था बनाने के लिए लगे हुए हैं। प्रदेश सरकार ने आमजन के नुकसान की भरपाई के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला है, जिस पर आमजन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।
सैनी ने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि सभी नहर, नालों की निरंतर साफ सफाई की जाती है। लेकिन इस बार पहाड़ों से अधिक मात्रा में पानी आने के कारण ऐसी स्थिति हुई है। ऐसी आपदा की स्थिति में विपक्ष का राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस स्थिति में विपक्ष को सरकार को सुझाव और सहयोग देना चाहिए। उन्होंने जनता से भी आग्रह किया कि जलभराव वाले क्षेत्रों में प्रभावित लोगों का सहयोग करें।
एक सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मारकंडा नहर की 25000 क्यूसिक पानी की क्षमता है। इस बार लगभग 40,000 क्यूसिक पानी पहुंचा है, जो ओवरफ्लो होकर खेतों और आसपास के क्षेत्र में जलभराव का कारण बना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा स्वयं उत्तरी भारत में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति से प्रभावित प्रदेशों की निगरानी रखे हुए हैं। हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर को लेकर केंद्र ने विशेष निर्देश दिए हैं। हरियाणा के अलग-अलग जिलों से पंजाब के विभिन्न जगहों पर सहायता पहुंचाई जा रही है। हरियाणा की तरफ से पंजाब में खाने, पीने और पशुओं के लिए चारा भेजा जा रहा है।
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