पीड़ितों को धोखा देने के लिए ओऐलऐक्स पर फ़र्ज़ी प्रॉपर्टी विज्ञापन पोस्ट करता था गिरफ़्तार किया दोषी: एडीजीपी पेशगी प्राप्त करने के उपरांत ग्राहकों को जवाब देना बंद कर देता था दोषी
पीड़ितों को धोखा देने के लिए ओऐलऐक्स पर फ़र्ज़ी प्रॉपर्टी विज्ञापन पोस्ट करता था गिरफ़्तार किया दोषी: एडीजीपी पेशगी प्राप्त करने के उपरांत ग्राहकों को जवाब देना बंद कर देता था दोषी
खबर खास, चंडीगढ़ :
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों पर पंजाब को सुरक्षित राज्य बनाने के लिए चल रही मुहिम के दौरान साईबर अपराध के विरुद्ध अहम कार्यवाही करते हुये पंजाब पुलिस के राज्य साईबर अपराध पुलिस स्टेशन ने ओऐलऐक्स रैंटल फ्रॉड के कई मामलों में शामिल एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया है।
आरोपी की पहचान मोहाली के खरड़ में रहने वाले परमजीत सिंह के तौर पर हुई है, को इंस्पेक्टर दलजीत सिंह ने, भारतीय गृह मंत्रालय के साईबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) के प्रतिबिंब पोर्टल पर रिपोर्ट किये गए साईबर धोखाधड़ी के आंकड़ों के विश्लेषण के बाद गिरफ़्तार किया।
प्राथमिक जांच से पता लगा है कि गिरफ़्तार किये गए मुलजिम ने ओएलएक्स जाली किराया विज्ञापनों के द्वारा पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और जम्मू- कश्मीर आदि राज्यों से सम्बन्धित कम से कम 23 पीड़ितों के साथ लगभग 5 लाख रुपए की ठगी की है।
मुलजिम व्यक्ति द्वारा ठगी के लिए अपनाये गए ढंगों के बारे बताते हुये एडीजीपी साईबर अपराध वी. नीरजा ने कहा कि मुलजिम परमजीत सिंह धोखाधड़ी करने के लिए ओऐलऐक्स पर फ़र्ज़ी प्रॉपर्टी विज्ञापन पोस्ट करता था, पीड़ितों को आकर्षक और बड़े मुनाफों का लालच देता था।
एडीजीपी ने कहा, ‘‘लोगों का विश्वास हासिल करने के लिए वह (दोषी) प्रॉपर्टी के जाली दस्तावेज़ और तस्वीरें सांझा करता था। जब पीड़ित उसके झाँसे में आकर प्रॉपर्टी किराये पर लेने के लिए सहमत हो जाते तो मुलजिम उनको यूपीआइ या बैंक ट्रांसफर के द्वारा पेशगी किराया, सिक्योरिटी की रकम, या रजिस्ट्रेशन फीस के तौर पर पैसे ट्रांसफर करने के लिए राज़ी कर लेता।’’ उन्होंने यह भी कहा कि जब भुगतान हो जाता तो दोषी उनके साथ संपर्क करना बंद कर देता था।
एडीजीपी ने कहा कि जांच से पता लगा है कि दोषी परमजीत, ग्राहकों से अपने अलग-अलग बैंक खातों - ऐक्स्सि बैंक, सैंट्रल बैंक आफ इंडिया, यस बैंक और ऐचडीऐफसी बैंक - में यूपीआइ और भुगतान के अन्य ऑनलाईन तरीकों के द्वारा पैसे ट्रांसफर कराता था। इस सम्बन्धी अन्य विवरणों का पता लगाने के लिए और जांच जारी है।
पंजाब के स्टेट साईबर क्राइम पुलिस स्टेशन में बीएनएस की धारा 316(2) और 318(4) और आईटी एक्ट की धारा 66 डी के अधीन एफआईआर नंबर 07 तारीख़ 10. 06. 2025 को केस दर्ज किया गया है।
ज़िक्रयोग्य है कि एडीजीपी साईबर क्राइम वी. नीरजा ने जनता को ओऐलऐक्स प्लेटफार्म पर उपलब्ध विज्ञापनों से सावधान रहने और कोई भी पेशगी भुगतान करने से बचने की सलाह दी है। कोई भी सौदा करने से पहले विज्ञापन की पुष्टि करना महत्वपूर्ण और बहुत ज़ुरूरी है। धोखाधड़ी की स्थिति में पीड़ित को साईबर धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने के लिए तुरंत हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करनी चाहिए या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है। साईबर धोखाधड़ी से सम्बन्धित अन्य जानकारी के लिए cybercrime.punjabpolice.gov.in पर ’ साइबर मित्र’ चैटबॉट का प्रयोग किया जा सकता है।
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