मोगा जिले में नशा मुक्ति केंद्रों में 200 और बिस्तरों की बढ़ोतरी की जाएगी, 6 और ओट क्लीनिक जल्द शुरू होंगे कहा, नशा मुक्ति केंद्रों में निजी अस्पतालों के डॉक्टरों की सेवाएं भी ली जाएंगी
मोगा जिले में नशा मुक्ति केंद्रों में 200 और बिस्तरों की बढ़ोतरी की जाएगी, 6 और ओट क्लीनिक जल्द शुरू होंगे कहा, नशा मुक्ति केंद्रों में निजी अस्पतालों के डॉक्टरों की सेवाएं भी ली जाएंगी
खबर खास, मोगा :
पंजाब के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने स्पष्ट किया है कि राज्य में नशा बेचने वालों को पहले की सरकारों से मिलने वाला राजनीतिक संरक्षण अब पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है। अब नशे के कारोबारियों के साथ किसी भी तरह की रियायत नहीं बरती जा रही है। इसका परिणाम यह हुआ है कि नशे की गतिविधियों पर सख्त रोक लगी है। वह आज स्थानीय जिला प्रशासनिक परिसर में पंजाब सरकार द्वारा चलाई जा रही "नशों के खिलाफ युद्ध" मुहिम की प्रगति की समीक्षा के लिए पहुंचे थे।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा नशा समाप्त करने के लिए शुरू की गई यह मुहिम सार्थक परिणाम दे रही है और नशे की गिरफ्त में आए लोगों के इलाज के लिए राज्य के नशा मुक्ति केंद्रों में 5,000 अतिरिक्त बिस्तरों की व्यवस्था की जा रही है। इसी के अंतर्गत मोगा जिले में भी 200 और बिस्तरों की व्यवस्था की जा रही है। इससे पहले मोगा जिले में 100 बिस्तरों की सुविधा थी, जो पहले केवल 50 थी। उन्होंने कहा कि बाबे के संस्थान और संत दरबारा सिंह संस्था के सहयोग से जल्दी ही 200 बिस्तरों की वृद्धि कर दी जाएगी। इस तरह मोगा जिले में कुल 300 बिस्तरों की सुविधा मिल जाएगी। इस सुविधा के शुरू होने से नशा छोड़ने वाले लोगों को इलाज के साथ-साथ हुनरमंद भी बनाया जाएगा। इसके अतिरिक्त, मोगा जिले में 6 और ओट क्लीनिक भी जल्द शुरू किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नशे की लत को जल्द से जल्द समाप्त करने के लिए नशा मुक्ति केंद्रों में निजी अस्पतालों के डॉक्टरों की सेवाएं भी लेने का फैसला किया गया है और इसके बदले उन्हें उचित मेहनताना भी दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा नशों के खिलाफ लड़ी जा रही इस जंग को जमीनी स्तर पर सफल बनाने के लिए विभिन्न विभागों की समन्वय समितियाँ बनाई गई हैं, ताकि इस सामाजिक बुराई के अंत में सभी विभाग मिलकर व्यापक योजना बना सकें।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि नशा छोड़ने वाले व्यक्तियों को फिर से मुख्यधारा में लाकर उन्हें बेहतर जीवन जीने का मौका देने के लिए नशा मुक्ति केंद्रों में कौशल विकास कोर्स भी शुरू किए जा रहे हैं और भर्ती मरीजों के लिए योग कक्षाएं भी लगाई जा रही हैं। उन्होंने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को कहा कि छोटे बच्चों में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति को रोकने के लिए स्कूलों में इसके बुरे प्रभावों के बारे में जागरूकता गतिविधियाँ चलाई जाएं। उन्होंने यह भी बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए सरकार द्वारा गाँवों में खेल मैदान, जिम और पार्क बनाने की योजना तैयार की गई है, जिस पर जल्द ही अमल शुरू हो जाएगा।
कैबिनेट मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि मच्छरों और गंदे पानी से होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों को कहा कि स्कूलों में पीने के पानी की टंकियों की नियमित सफाई कराई जाए। उन्होंने स्थानीय सरकार विभाग, स्वास्थ्य विभाग, ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग, जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया की रोकथाम के लिए 21 अप्रैल से व्यापक स्तर पर फॉगिंग शुरू की जाए ताकि लोगों को इन बीमारियों से बचाया जा सके।
इस अवसर पर पत्रकारों से बात करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वर्तमान पंजाब सरकार राज्य के इतिहास में पहली सरकार है जिसने सभी नागरिकों को 10 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज देने के लिए मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत कार्ड बनाने का निर्णय लिया है। इससे पहले डिप्टी कमिश्नर श्री सागर सेतिया और जिला पुलिस प्रमुख श्री अजय गांधी ने नशों के खिलाफ मुहिम को सफल बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला।
इस मीटिंग में हल्का मोगा की विधायक डॉ. अमनदीप कौर अरोड़ा, हल्का धर्मकोट के विधायक श्री दविंदरजीत सिंह लाड़ी ढोंस, डिप्टी कमिश्नर श्री सागर सेतिया, एस.एस.पी. श्री अजय गांधी, जिला योजना बोर्ड के चेयरमैन श्री हरमंदीप सिंह बराड़ के अलावा विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
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