कहा, ई-क्षति पोर्टल पर किसान कर सकते हैं अपने नुकसान का पंजीकरण मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को तुरंत जल निकासी के दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
कहा, ई-क्षति पोर्टल पर किसान कर सकते हैं अपने नुकसान का पंजीकरण मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को तुरंत जल निकासी के दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज अंबाला जिले के नग्गल गांव के निकट जलभराव प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। मुख्यमंत्री ने चंडीगढ़ से कैथल जाते हुए नग्गल/हसनपुर के पास जलभराव की स्थिति का जायजा लिया और प्रभावित किसानों से बातचीत की।
पूर्व राज्यमंत्री असीम गोयल ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि टांगरी नदी और बरसाती पानी के नग्गल नाले (गंदा नाला) में प्रवेश करने से जलस्तर काफी बढ़ गया है, जिसके कारण लगभग 40 गांव जलभराव की स्थिति से प्रभावित हैं। उपायुक्त ने जानकारी दी कि अंबाला शहर तहसील के अंतर्गत लगभग 28 हजार एकड़ भूमि जलभराव से प्रभावित हुई है।
पूर्व राज्यमंत्री ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि यदि यहां पर साईफन का निर्माण हो जाए तो इस क्षेत्र में जलभराव की समस्या काफी हद तक समाप्त हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने उपायुक्त को निर्देश दिए कि इस कार्य हेतु विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाए और यदि संभव हो तो ड्रेन निर्माण की रूपरेखा भी बनाई जाए, ताकि जल निकासी का स्थायी समाधान हो सके और भविष्य में जलभराव की स्थिति उत्पन्न न हो।
मुख्यमंत्री ने भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी जय सिंह जलबेड़ा सहित प्रभावित किसानों से मुलाकात की और उनकी फसलों एवं हुए अन्य नुकसान के बारे में जानकारी ली। उन्होंने अधोमाजरा बांध पर गंदे नाले के नजदीक मोटरों को चलाने के निर्देश दिए ताकि बरसाती पानी की निकासी तेज़ी से हो सके।
इस अवसर पर सिंचाई विभाग के अधीक्षक अभियंता ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि भूमि की ग्रेविटी के कारण बरसाती पानी की निकासी हो रही है। इसके साथ ही अतिरिक्त निकासी के लिए मोटरें भी लगाई जा रही हैं, जिससे पानी की निकासी तेज़ी से हो सके। उन्होंने बताया कि जैसे ही टांगरी नदी का जलस्तर कम होगा, सिंचाई विभाग के पंपों और गेटों को ऊपर उठाकर नग्गल/गंदे नाले का पानी बाहर निकाला जाएगा।
इसके पश्चात मुख्यमंत्री जनसूई हैड के नजदीक सेगती गांव के पास जलभराव की स्थिति का जायजा लेने के लिए रुके और प्रभावित किसानों व ग्रामीणों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा नुकसान की भरपाई के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला गया है, जहां किसान अपने नुकसान का पंजीकरण करा सकते हैं। नियमानुसार उचित मुआवजा प्रदान किया जाएगा।
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