राजस्थान में सिख छात्रा के साथ भेदभाव पर डॉ. निज्जर भड़के, कहा- 'यह धार्मिक और संवैधानिक अधिकारों का अपमान
डॉ. निज्जर ने घटना पर उठाए सवाल, पूछा - क्या ककार पहनना अपराध है
केंद्र सरकार से अपील- यह सुनिश्चित किया जाए कि भविष्य में सभी सिख छात्र/छात्रा ककार पहनकर परीक्षा दे सकें
खबर खास, चंडीगढ़ :
चीफ खालसा दीवान के अध्यक्ष और आप विधायक डॉ. इंदरबीर सिंह निज्जर ने राजस्थान में हुई उस घटना की कड़ी निंदा की है जिसमें तरनतारन की एक सिख छात्रा को राजस्थान न्यायिक परीक्षा में इसलिए बैठने से रोक दिया गया क्योंकि उसने अपना धार्मिक प्रतीक, ककार पहना हुआ था।
डॉ. निज्जर ने कहा कि हम एक स्वतंत्र देश के नागरिक हैं और सभी को अपने धर्म के अनुसार जीवन जीने और धार्मिक प्रतीक धारण करने का अधिकार है। यह घटना धार्मिक और संवैधानिक अधिकारों का सीधा उल्लंघन है और यह अल्पसंख्यक समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली
है।
उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि भविष्य में सिख छात्रों को धार्मिक प्रतीक पहनकर परीक्षा देने की अनुमति दी जाए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
डॉ. निज्जर ने यह भी मांग की कि जिस सिख छात्रा को परीक्षा में बैठने से रोका गया है, उसके लिए विशेष व्यवस्था कर दोबारा परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाए ताकि उसके भविष्य के साथ अन्याय न हो।
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