मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने आज बाल दिवस के अवसर पर एक नई शैक्षिक पहल "आरंभ" की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य माता-पिता की सहभागिता को सुनिश्चित करते हुए प्रारंभिक शिक्षा में क्रांति लाना है।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने आज बाल दिवस के अवसर पर एक नई शैक्षिक पहल "आरंभ" की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य माता-पिता की सहभागिता को सुनिश्चित करते हुए प्रारंभिक शिक्षा में क्रांति लाना है।
स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस और मुख्य अतिथि चरनप्रीत कौर (स्कूल ऑफ एमिनेंस मोहाली की कक्षा 8वीं की छात्रा) ने कार्यक्रम की संयुक्त रूप से शुरुआत की
खबर खास, चंडीगढ़ :
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने आज बाल दिवस के अवसर पर एक नई शैक्षिक पहल "आरंभ" की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य माता-पिता की सहभागिता को सुनिश्चित करते हुए प्रारंभिक शिक्षा में क्रांति लाना है।
महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (मगसीपा), चंडीगढ़ में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम के दौरान स्कूल शिक्षा मंत्री स.हरजोत सिंह बैंस ने स्कूल ऑफ एमिनेंस, फेज-11 मोहाली की कक्षा 8वीं की छात्रा और मुख्य अतिथि चरनप्रीत कौर के साथ, जिसमें चार राज्यों के शिक्षा अधिकारी और 20 से अधिक गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे, को संबोधित करते हुए इस पहल की शुरुआत की।
अपने संबोधन में हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि पंजाब के प्री-प्राइमरी सरकारी स्कूलों में इस समय 3.5 लाख से अधिक छात्रों के नामांकन के मद्देनजर प्रारंभिक शिक्षा का महत्व अत्यंत महत्वपूर्ण है।
यह बताते हुए कि मस्तिष्क का 85 प्रतिशत से अधिक विकास छह साल की उम्र से पहले होता है, कैबिनेट मंत्री ने कहा कि "आरंभ" पहल की शुरुआत हमारी बच्चों के विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। मंत्री ने कहा कि यह पहल शिक्षकों और माता-पिता की भागीदारी से स्कूल स्तर पर एक सकारात्मक माहौल तैयार करने के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म प्रस्तुत करती है, जो व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से नियमित शैक्षिक सामग्री साझा करने की सुविधा प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि यह पहल बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा में माता-पिता की निरंतर सहभागिता को सुनिश्चित करेगी जिससे विशेषकर निम्न आय वाले 3.8 लाख परिवारों को लाभ मिलेगा।
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि यह पहल पंजाब विकास आयोग और रॉकेट लर्निंग एनजीओ के सहयोग से प्रारंभिक रूप से आठ जिलों जैसे लुधियाना, मोहाली, पटियाला, रूपनगर, श्री मुक्तसर साहिब, तरनतारन, संगरूर और अमृतसर में शुरू की जाएगी। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि यह रणनीतिक पहल प्रारंभिक शिक्षा में नए मापदंड स्थापित करेगी जिससे पंजाब को शैक्षिक नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी स्थान मिलेगा।
इस कार्यक्रम की विशेष बात यह रही कि फिनलैंड में प्रशिक्षित चार प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों ने मनोरंजन-आधारित और समग्र विकास दृष्टिकोण को लागू करने की अपनी विशेषज्ञता साझा की।
स्कूल शिक्षा मंत्री ने प्रारंभिक शिक्षा में उत्कृष्ट योगदान के लिए 40 प्री-प्राइमरी शिक्षकों को सम्मानित किया।
अपने संबोधन में, डॉ. अमनिंदर कौर (पीसीएस), निदेशक, एससीईआरटी, पंजाब ने कहा कि आरंभ कार्यक्रम माता-पिता और शिक्षकों के बीच एक पुल का काम करते हुए यह सुनिश्चित करेगा कि पंजाब के प्रत्येक बच्चे को घर और स्कूल दोनों जगह प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त हो।
गौरतलब है कि 1.5 लाख से अधिक माता-पिता और 15,000 शिक्षकों ने वीडियो संदेश के माध्यम से लॉन्च इवेंट को देखा।
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