हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के निदेशक यश गर्ग ने कहा कि हरियाणा सरकार ने उद्योगों के लिए आवश्यक एनओसी की औसत मंजूरी के समय को घटाकर सिर्फ 12 दिन करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है और धीरे -धीरे हरियाणा राज्य "ईज ऑफ डूइंग बिजनेस" के तहत एक मॉडल के रूप में पहचान बना रहा है।
नियामक अनुपालनों को युक्तिसंगत बनाने और आपराधिक प्रावधानों को अपराध मुक्त करने पर कार्यशाला आयोजित
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के निदेशक यश गर्ग ने कहा कि हरियाणा सरकार ने उद्योगों के लिए आवश्यक एनओसी की औसत मंजूरी के समय को घटाकर सिर्फ 12 दिन करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है और धीरे -धीरे हरियाणा राज्य "ईज ऑफ डूइंग बिजनेस" के तहत एक मॉडल के रूप में पहचान बना रहा है।
गर्ग आज यहां "ईज ऑफ डूइंग बिजनेस" के तहत नियामक अनुपालनों को युक्तिसंगत बनाने और आपराधिक प्रावधानों को अपराध मुक्त करने पर आयोजित एक कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे थे।
इस अवसर पर भारत सरकार के डीपीआईआईटी की उपसचिव डॉ. जिविशा जोशी गंगोपाध्याय और उद्योग और वाणिज्य विभाग हरियाणा के अतिरिक्त निदेशक श्री राजेश अग्रवाल के अलावा अन्य अधिकारी उपस्थित थे। इस कार्यशाला में हरियाणा के 34 विभागों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के महत्व और हरियाणा में उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल बनाने पर प्रकाश डाला।
यश गर्ग ने उद्योगों, विशेष रूप से भारी उद्योगों को बढ़ावा देने में राज्य की सक्रिय भूमिका पर प्रकाश डाला और बताया कि ये उद्योग राज्य के लिए रोजगार और राजस्व पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। उन्होंने प्रदेश में "ईज ऑफ डूइंग बिजनेस" के तहत उठाए गए कदमों की जानकारी देते बताया कि हरियाणा ने उद्योगों के लिए औसत मंजूरी समय को घटाकर सिर्फ 12 दिन करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है और इसे डीपीआईआईटी द्वारा बीआरएपी में शीर्ष उपलब्धि हासिल करने वाले के रूप में मान्यता भी दी गई है। निदेशक ने उद्योगों को आकर्षित करने और बनाए रखने के लिए अनुकूल व्यावसायिक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए सभी विभागों में सहयोगी प्रयासों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने आगे बताया कि उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए एक स्थिर और अनुकूल वातावरण महत्वपूर्ण है। उन्होंने नियामक बोझ के कारण लगने वाली उच्च आर्थिक लागत को भी ध्यान में रखने की बात कही।
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