* खिलाड़ियों के लिए कैश अवार्ड्स और स्कॉलरशिप प्रबंधन प्रणाली के लिए पोर्टल किया लांच * मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश अधिकारी औचक निरीक्षण करें, महिला खिलाड़ियों के लिए स्टेडियम में हो सभी सहूलियत
* खिलाड़ियों के लिए कैश अवार्ड्स और स्कॉलरशिप प्रबंधन प्रणाली के लिए पोर्टल किया लांच * मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश अधिकारी औचक निरीक्षण करें, महिला खिलाड़ियों के लिए स्टेडियम में हो सभी सहूलियत
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि प्रदेश सरकार खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए तत्पर है। प्रदेश के खेल स्टेडियम और खेल नर्सरियों में आने वाले खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं मिले, इसके लिए विभाग विशेष योजना बनाएं। इसके अलावा प्रदेश में विशेष उत्कृष्ट खेलों पर फोकस करते हुए एक्सीलेंस सेंटर भी बनाए जाएं। साथ ही प्रदेश के खिलाड़ियों को यूनिक आईडी अलॉट की जाएं। मुख्यमंत्री ने यह निर्देश सचिवालय में सोमवार देर सांय खेल विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान दिए। बैठक के दौरान प्रदेश के खेल, युवा अधिकारिता एवं उद्यमिता, कानून विधायी राज्य मंत्री गौरव गौतम भी मौजूद थे।
इस दौरान प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए कैश अवार्ड्स और स्कॉलरशिप प्रबंधन प्रणाली के लिए पोर्टल भी लांच किया गया। जिसके जरिये खेल विभाग से मिलने वाली स्कॉलरशिप तथा कैश अवार्ड्स के लिए आवेदन किया जा सकेगा। इसका फायदा यह होगा कि पारदर्शी तरीके से एक खिलाड़ी को सहुलियत के साथ इनका लाभ मिल पाएगा। नकद पुरस्कार योजना के तहत वर्ष 2014 से अब तक 16305 खिलाड़ियों को विभाग ने 599.43 करोड़ रुपये आबंटित किए है।
क्रिकेट स्टेडियम की बदलेगी सूरत, पलवल के लिए खास योजना:
सैनी ने बैठक के दौरान प्रदेश के किक्रेट स्टेडियम को लेकर भी चर्चा की। इस दौरान उन्होंने पंचकूला के क्रिकेट स्टेडियम के ग्राउंड और सिटिंग एरिया को दुरुस्त करने, हाई मास्क लाइट लगाने तथा बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के निर्देश भी दिए। इसके साथ ही फरीदाबाद स्थित राजा नाहर सिंह स्टेडियम में भी इस दिशा में कदम उठाने के निर्देश दिए गए है। वहीं, बैठक में पलवल में भी 100 एकड़ भूमि पर एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेल परिसर के निर्माण को लेकर भी चर्चा की गई। इसके लिए एक खास परियोजना बनाई गई है, जिसमें क्रिकेट स्टेडियम, बहुउद्देश्यीय हॉल, बैडमिंटन हॉल, बॉक्सिंग हॉल, एथलैट्स मैदान, फिटनैस एवं रहैब सेंटर, होटल एवं रैस्टोरेंट इत्यादि की सुविधा के साथ 35 से 50 हज़ार दर्शकों के बैठने की सुविधा होगी। इस बारे में विकल्प तलाशने बारे भी मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए है।
जीओ बेस्ड होगी हाजिरी, मुकाबले भी होंगे
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री सैनी ने खेल विभाग के अधिकारियों को कहा कि प्रदेश में चल रही खेल नर्सरियों में इंटर खेल नर्सरी, जिला स्तर पर और राज्यस्तरीय मुकाबले करवाए जाएं। इनमें पहले, दूसरे तथा तीसरे स्थान पर आने वाले बच्चों के ग्रुप बनाएं जाएं, ताकि इनके हुनर का पता लग सके। बाद में इन बच्चों को उनकी काबिलियत के हिसाब से ना सिर्फ प्रोत्साहित किया जाए, साथ ही उन्हें उस हिसाब से भविष्य के लिए तराशा जाए। बैठक में खिलाड़ियों को दी जाने वाले डाइट मनी बढ़ाने के विषय, कोच की सैलरी बढ़ाने जैसे विषयों पर भी चर्चा हुई। इसके साथ ही खेल विभाग के उच्च अधिकारियों ने कहा कि विभाग समय समय पर खिलाड़ियों की सहुलियत के लिए योजनाएं बना रहा है। आने वाले दिनों में खेल नर्सरी में खिलाड़ियों की जीओ बेस्ड हाजिरी लगेगी, इसके लिए परियोजना तैयार कर ली गई है।
कोच और जिला खेल अधिकारियों के बीच हो समन्वय
मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों की समस्याओं के समाधान के लिए भी कारगार कदम उठाने के निर्देश दिए है। उन्होंने इस पर सुझाव देते हुए कहा कि ऐसी योजना बनाई जाएगी, जिसके तहत कोच और जिला के खेल अधिकारियों के बीच आपस में समन्वय अच्छा हो। कोच को अगर कोई समस्या है, तो वो उस बारे में जिला खेल अधिकारियों को चर्चा करें,और वहां से फीडबैक विभाग के आला अफसरों के पास आएं। ऐसा इसलिए किया जाए, ताकि खिलाड़ियों की समस्याओं का समय रहते समाधान हो सके।
औचक निरीक्षण करें, महिला खिलाड़ियों के लिए सहूलियत हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने और उन्हें बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए लगातार तत्पर है। हाल ही के बजट में भी इसे लेकर खास प्रावधान किए गए है। उन्होंने कहा कि युवाओं को नशों से दूर रखने के लिए खेल एक उत्कृष्ट साधन है। ऐसे में प्रदेश सरकार खेलों पर खास फोकस किए हुए है। खिलाड़ियों के लिए बीमा योजना, बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध करवाना, स्पोर्ट्स के सभी साधन और कोच इत्यादि की उपलब्धता करना सुनिश्चित किया जाएं। मुख्यमंत्री ने इस बीच यह भी निर्देश दिए कि महिला खिलाड़ियों के लिए भी खास सुविधाएं स्टेडियम में होनी चाहिए। उनके लिए चेंजिंग रूम के अलावा शौचालय की अलग व्यवस्था हो, यह सुनिश्चित किया जाएं। साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए कि समय समय पर स्टेडियम, नर्सरियों इत्यादि का औचक निरीक्षण भी किया जाएं।
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