* 'आप' ने पंजाब के अधिकारों के खिलाफ भाजपा की साजिश की सख्त शब्दों में की निंदा, कहा – यह पंजाब के किसानों के खिलाफ साज़िश * कहा - हरियाणा अपने आवंटित हिस्से से 10 प्रतिशत अधिक पानी ले रहा है, जबकि पंजाब संरक्षित कर रहा है, बचा हुआ पानी हमारा है
* 'आप' ने पंजाब के अधिकारों के खिलाफ भाजपा की साजिश की सख्त शब्दों में की निंदा, कहा – यह पंजाब के किसानों के खिलाफ साज़िश * कहा - हरियाणा अपने आवंटित हिस्से से 10 प्रतिशत अधिक पानी ले रहा है, जबकि पंजाब संरक्षित कर रहा है, बचा हुआ पानी हमारा है
खबर खास, चंडीगढ़ :
पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने पंजाब के किसानों और पंजाब के संसाधनों के खिलाफ साजिश के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की कड़ी निंदा की। चल रहे जल-बंटवारे विवाद पर बोलते हुए चीमा ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर पंजाब को धोखा देने और पंजाब को उसके उचित हिस्से से वंचित करने का आरोप लगाया।
चीमा ने राष्ट्र की खाद्य सुरक्षा में पंजाब के अद्वितीय योगदान का जिक्र किया और बताया कि केन्द्रीय पूल में 50 प्रतिशत से अधिक गेहूं तथा 22 प्रतिशत से ज्यादा चावल पंजाब से आता है। पंजाब के किसानों ने राष्ट्र को भोजन उपलब्ध कराने के लिए निस्वार्थ भाव से अपने भूजल और संसाधनों का बलिदान दिया है। आज, हरित क्रांति को समर्थन देने के लिए भूजल के अत्यधिक दोहन के कारण पंजाब के 153 में से 115 क्षेत्रों को 'डार्क जोन' घोषित कर दिया गया है।
मंत्री चीमा ने कहा कि राजस्थान और हरियाणा ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) से आवंटित जल हिस्सेदारी की सीमा पार कर ली है। राजस्थान: 3.398 एमएएफ आवंटित, 3.738 एमएएफ खपत (10% अधिक)। हरियाणा: 2.987 एमएएफ आवंटित, 3.091 एमएएफ खपत (3% अधिक)। वहीं पंजाब: 5.512 एमएएफ आवंटित, और खर्च केवल 4.925 एमएएफ (89% उपयोग) किया है।
चीमा ने भाजपा नेताओं की आलोचना करते हुए कहा कि पंजाब के संयमित उपयोग और गंभीर जल संकट की अनदेखी करते हुए हरियाणा के लिए अतिरिक्त पानी जारी करने के लिए बीबीएमबी पर दबाव डाला जा रहा हैं।
चीमा ने पंजाब के जल अधिकारों की रक्षा के लिए आप सरकार के अडिग रुख की पुष्टि की। उन्होंने कहा, "पंजाब अपने हक का एक भी बूंद पानी हरियाणा को नहीं देगा। हमारे किसान पहले से ही घटते भूजल स्तर से जूझ रहे हैं और अब संसाधनों का और अधिक दोहन पंजाब की कृषि अर्थव्यवस्था को तबाह कर देगा।"
मंत्री ने यह भी बताया कि पंजाब किसानों को पाइपलाइनों और सिंचाई चैनलों के माध्यम से समान जल वितरण सुनिश्चित करने की पहल पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है। बांधों और जल संसाधनों की सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है। वहीं पानी के किसी भी अनधिकृत बहाव को रोकने के लिए भी कड़े उपाय किए गए हैं।
चीमा ने रवनीत बिट्टू और सुनील जाखड़ सहित पंजाब के भाजपा नेताओं पर राजनीतिक लाभ के लिए अपने गृह राज्य को धोखा देने का आरोप लगाया। उन्होंने मांग की, "ये नेता राज्य के हितों के खिलाफ असंवैधानिक कार्यों का समर्थन करके भाजपा के पंजाब विरोधी एजेंडे की मदद कर रहे हैं। अब उन्हें तुरंत भाजपा से इस्तीफा दे देना चाहिए और लोगों से माफी मांगनी चाहिए।"
पंजाब के बलिदान और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए चीमा ने भाजपा के कार्यों की निंदा की और इसे पंजाब की विरासत का अपमान बताया। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा की तानाशाही नीतियां पंजाब के किसानों, संसाधनों और संस्कृति पर सीधा हमला है। पंजाब के लोग इस विश्वासघात को बर्दाश्त नहीं करेंगे।’’
चीमा ने भाजपा के पंजाब के नेताओं को सीधी चुनौती देते हुए उनसे पानी पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा। उन्होंने हरियाणा की भाजपा सरकार से भी पानी का सावधानीपूर्वक उपयोग नहीं करने के लिए स्पष्टीकरण मांगा और पूछा कि वे अतिरिक्त पानी की अपनी मांग को कैसे उचित ठहराएंगे।
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