यह नीति न केवल पारदर्शी है बल्कि उन किसानों के लिए वरदान है, जो सार्वजनिक विकास परियोजनाओं के लिए स्वेच्छा से अपनी भूमि बाज़ार दरों पर बेचना चाहते हैं।