सरकारी सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ाने और जन–सेवा को सुचारू करने के लिए कई बड़े बदलाव; स्वास्थ्य व शिक्षा क्षेत्र में प्राइवेट विशेषज्ञों को भी मौका
सरकारी सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ाने और जन–सेवा को सुचारू करने के लिए कई बड़े बदलाव; स्वास्थ्य व शिक्षा क्षेत्र में प्राइवेट विशेषज्ञों को भी मौका
खबर ख़ास, चंडीगढ़ :
पंजाब सरकार ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण नीतिगत फैसलों को मंजूरी दी। इन फैसलों का उद्देश्य सरकारी कार्यप्रणाली में तेजी लाना, पारदर्शिता बढ़ाना और सीमावर्ती जिलों में सेवाएं दे रहे कर्मचारियों को प्रोत्साहन देना है।
बैठक में सबसे अहम निर्णय सरकारी विभागों की खरीद प्रक्रिया को सरल बनाने का रहा। अब राज्य के विभाग 5 लाख रुपए तक के सामान या आवश्यक सामग्री की खरीद बिना टेंडर जारी किए कर सकेंगे। सरकार का तर्क है कि मौजूदा प्रक्रियाओं में समय काफी लगता है, जिसके कारण कई बार जरूरी वस्तुओं या सेवाओं की उपलब्धता में विलंब होता है। इस नई सीमा के लागू होने से विभागीय कार्य तेज़ी से निपट सकेंगे और छोटी-मोटी खरीद के लिए लंबी प्रक्रिया नहीं अपनानी पड़ेगी।
इसके साथ ही राज्य में कार्यरत उन संस्थाओं पर भी नजर रखने की तैयारी है, जिन्हें सरकार की ओर से किसी न किसी रूप में सहायता या मान्यता मिलती है। कैबिनेट ने फैसला किया कि पंजाब में रजिस्टर्ड सभी सोसाइटी और ट्रस्टों की व्यवस्थित जांच की जाएगी। इसके लिए एक नोडल अधिकारी या प्रबंधक नियुक्त किया जाएगा जो वित्तीय लेन-देन से लेकर संस्थागत गतिविधियों तक की निगरानी करेगा। सरकार का मानना है कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए यह कदम जरूरी है, ताकि अनुदान और जनकल्याण से जुड़ी योजनाओं का दुरुपयोग न हो।
स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार निजी क्षेत्र के विशेषज्ञ डॉक्टरों को भी एक नए तंत्र के तहत जोड़ने जा रही है। इन प्राइवेट स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को विभिन्न सरकारी अस्पतालों में इंपैनल किया जाएगा और सेवाओं के आधार पर उन्हें इंसेंटिव प्रदान किया जाएगा। राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में डॉक्टरों और शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए सरकार ने वहां तैनात होने वाले कर्मचारियों को विशेष प्रोत्साहन देने की भी घोषणा की है। उम्मीद है कि इस कदम से इन इलाकों में सेवाओं का स्तर बेहतर होगा और कर्मचारियों की तैनाती में आ रही दिक्कतें कम होंगी।
कैबिनेट बैठक के बाद वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम की घोषणा की। प्रदेश में रेत और बजरी का परिवहन करने वाले वाहनों में अब जीपीएस लगाया जाएगा। इससे वाहनों की आवाजाही पर निगरानी रखना आसान होगा और गैरकानूनी खनन व परिवहन पर प्रभावी रोक लग सकेगी।
इन सभी फैसलों के साथ पंजाब सरकार ने संकेत दिया है कि वह प्रशासनिक सुधारों के माध्यम से पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने पर फोकस बनाए हुए है।
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