पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह द्वारा गुरुवार को पूरे राज्य में सामान्य गैर-संचारी रोगों (एन.सी.डी.) की रोकथाम, नियंत्रण और जांच के लिए जनसंख्या-आधारित पहल की शुरुआत की गई।
पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह द्वारा गुरुवार को पूरे राज्य में सामान्य गैर-संचारी रोगों (एन.सी.डी.) की रोकथाम, नियंत्रण और जांच के लिए जनसंख्या-आधारित पहल की शुरुआत की गई।
इस अभियान के तहत लिए गैर-संचारी रोगों से निपटने के लिए राज्य स्तरीय जांच अभियान की शुरुआत
खबर खास, चंडीगढ़ :
पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह द्वारा गुरुवार को पूरे राज्य में सामान्य गैर-संचारी रोगों (एन.सी.डी.) की रोकथाम, नियंत्रण और जांच के लिए जनसंख्या-आधारित पहल की शुरुआत की गई।
डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि इस अभियान के तहत 30 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों की सामान्य एन.सी.डी., जिनमें शुगर, हाईपरटेंशन और तीन प्रमुख प्रकार के कैंसर—मुंह, स्तन और सर्वाइकल (गर्भाशय ग्रीवा) शामिल हैं, की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि इन सामान्य गैर-संचारी रोगों और कैंसर की जांच, गैर-संचारी रोगों के नियंत्रण हेतु राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत सेवा प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
उन्होंने बताया कि यह जांच आशा, ए.एन.एम. और एम.पी.डब्ल्यू. सहित प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, आम आदमी क्लीनिकों/आयुष्मान आरोग्य मंदिरों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिला अस्पतालों और उप-मंडल अस्पतालों में की जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इस अभियान की शुरुआत 30 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए स्क्रीनिंग प्रोग्राम की राष्ट्रव्यापी शुरुआत की तर्ज पर की गई है। यह अभियान प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं में जनसंख्या-आधारित जांच के माध्यम से सामान्य गैर-संचारी रोगों की शीघ्र पहचान पर केंद्रित है। यह अभियान 31 मार्च तक चलेगा।
जिला एस.ए.एस. नगर के स्वास्थ्य ब्लॉक बूथगढ़ के गांव सैणी माजरा में इस अभियान के उद्घाटन समारोह के दौरान वर्चुअल संबोधन में डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि इस विशेष अभियान का उद्देश्य गैर-संचारी रोगों के शुरुआती निदान के लिए जांच कराकर और समय पर उपचार सुनिश्चित कर नागरिकों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है। उन्होंने कहा कि गैर-संचारी रोग आमतौर पर दीर्घकालिक बीमारियां होती हैं, जिनका उपचार लंबी अवधि तक चलता है, और ऐसी बीमारियों की नियमित एवं समय पर जांच बेहद आवश्यक होती है।
उन्होंने जांच किए गए सभी मरीजों का विस्तृत ऑनलाइन रिकॉर्ड सुनिश्चित करने, सटीक डेटा एकत्र करने, बीमारी के प्रसार की निगरानी करने और प्रभावी उपचार प्रदान करने की आवश्यकता पर जोर दिया। अभियान की सफलता के लिए लोगों से सहयोग की अपील करते हुए, उन्होंने नागरिकों से इस पहल का अधिक से अधिक लाभ उठाने और अपनी जांच करवाने का अनुरोध किया।
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