भोजन पहुँचाने और फँसे हुए लोगों का पता लगाने के लिए ड्रोन का किया जा रहा इस्तेमाल: स्पेशल डीजीपी
लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाने के लिए पंजाब में सेना के 20 हेलीकॉप्टर तैनात
पंजाब पुलिस ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कैंपों के साथ भोजन और दवाइयों के लंगर लगाए: अर्पित शुक्ला
बाढ़ प्रभावित जिलों में एसएसपीज़ स्वयं कर रहे राहत कार्यों की निगरानी
खबर खास, चंडीगढ़ :
भारी बारिश के चलते सतलुज, ब्यास, रावी और उज्ह दरियाओं में दरारें आने या पानी के ओवरफ्लो के कारण बनी बाढ़ जैसी स्थिति को देखते हुए पंजाब पुलिस, भारतीय सेना, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और सिविल प्रशासन की टीमें मिलकर काम कर रही हैं और अब तक 7689 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जा चुका है। यह जानकारी आज यहाँ विशेष पुलिस महानिदेशक (स्पेशल डीजीपी) कानून एवं व्यवस्था अर्पित शुक्ला ने दी।
बाढ़ से प्रभावित जिलों में पठानकोट, होशियारपुर, गुरदासपुर, कपूरथला, तरनतारन, फाज़िल्का और फिरोज़पुर शामिल हैं।
विशेष डीजीपी अर्पित शुक्ला, जो प्रदेश में बने हालातों की स्वयं निगरानी कर रहे हैं, ने बताया कि पंजाब पुलिस ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कैंप स्थापित किए हैं जहाँ लोगों के लिए भोजन और दवाइयों के लंगर लगाए गए हैं और साथ ही पशुओं के लिए चारा भी उपलब्ध करवाया जा रहा है। लोगों को निकालने और खाने के पैकेट व अन्य ज़रूरी सामान पहुँचाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि लोगों को बाढ़ग्रस्त इलाकों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने के लिए भारतीय सेना के 20 हेलीकॉप्टर राज्य में तैनात हैं।
उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों के एसएसपीज़ को फील्ड में रहकर अपने-अपने जिलों की स्थिति की नियमित निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सभी प्रबंध पूरे कर दिए गए हैं और एसएसपीज़ स्वयं राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं तथा लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाया जा रहा है।
विशेष डीजीपी ने बताया कि मौसम विभाग द्वारा चार दिन का अलर्ट जारी किए जाने के साथ ही पंजाब पुलिस को बाढ़ से संबंधित किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह अलर्ट पर रखा गया है।
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