इनमें फतेहगढ़ साहिब के 12, मानसा के 10, फाजिल्का, बठिंडा के आठ-आठ, श्री मुक्तसर साहिब के सात, मोगा के छह, संगरूर के पांच, कपूरथला के चार, फिरोजपुर व पटियाला के तीन-तीन और अमृतसर, फरीदकोट, कपूरथला के दो-दो शामिल हैं।
इनमें फतेहगढ़ साहिब के 12, मानसा के 10, फाजिल्का, बठिंडा के आठ-आठ, श्री मुक्तसर साहिब के सात, मोगा के छह, संगरूर के पांच, कपूरथला के चार, फिरोजपुर व पटियाला के तीन-तीन और अमृतसर, फरीदकोट, कपूरथला के दो-दो शामिल हैं।
खबर खास, चंडीगढ़ :
वन मंत्री, पंजाब लाल चंद कटारूचक्क की अध्यक्षता में राज्य में वेटलैंड्स के संरक्षण संबंधी पहलों की समीक्षा के लिए पंजाब राज्य वेटलैंड प्राधिकरण की तीसरी बैठक हुई।
डब्लयूपी (सी) नंबर 304/2018 - आनंद आर्या बनाम भारत सरकार के मामले में माननीय सर्वाेच्च न्यायालय ने राज्य/केंद्र शासित प्रदेश वेटलैंड प्राधिकरण को प्रत्येक वेटलैंड की वेटलैंड सीमाओं की जमीनी हकीकत के साथ-साथ हदबंदी को पूरा करके पहचान करने के निर्देश दिए थे।
पंजाब की जिला वेटलैंड समितियों द्वारा पहचाने गए 1143 जल स्रोतों की जमीनी हकीकत, डिजिटल मैपिंग और मूल्यांकन के बाद, 14 ज़िलों के 72 जल स्रोतों को वेटलैंड्स (संरक्षण और प्रबंधन) नियम, 2017 के तहत अधिसूचना हेतु सिफारिश की गई है। इनमें अमृतसर (2), बठिंडा (8), फरीदकोट (2), फतेहगढ़ साहिब (12), फाज़िल्का (8), फिरोज़पुर (3), जालंधर (2), कपूरथला (4), मानसा (10), मोगा (6), पटियाला (3), संगरूर (5), श्री मुक्तसर साहिब (7) शामिल हैं।
प्राधिकरण की ओर से ब्यास दरिया कंज़र्वेशन रिज़र्व के लिए विभिन्न कार्यों हेतु पाँच वर्षों का 38.45 करोड़ रुपए का इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट प्लान (आईएमपी) को भी मंजूरी दे दी। इस स्वीकृत योजना को राष्ट्रीय जल-प्रणाली संरक्षण योजना (एनपीसीए) के अंतर्गत फंडिंग के लिए पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को भेजा जाएगा।
बैठक का समापन पंजाब के प्रमुख जलगाहों पर हाल ही में आई बाढ़ों के प्रभाव की समीक्षा के साथ हुआ, जिसमें माननीय मंत्री ने जलगाहों के पर्यावरणीय प्रणालियों में लचीलापन विकसित करने के महत्व को साझा किया।
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