प्रशासन को सतर्क रहने के दिए निर्देश, जिला प्रशासन नदियों के जलस्तर पर रखे लगातार नजर
हर एक नागरिक और पशुधन की सुरक्षा सुनिश्चित करें अधिकारी- मुख्यमंत्री
जिन जिलों में विद्यालय बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं, वहाँ विद्यालय पूर्णतः बंद रहें ये प्रशासन करे सुनिश्चित
आबादी क्षेत्रों में जलभराव न हो, प्रशासन करें सभी आवश्यक इंतज़ाम
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी उपायुक्तों के साथ अहम बैठक कर प्रदेशभर में भारी वर्षा और बाढ़ के हालातों की विस्तृत समीक्षा की और जिला प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि एहतियाती उपायों के तहत जिन जिलों में स्कूल बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं, वहाँ प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि सभी विद्यालय पूरी तरह बंद रहें।
सैनी ने निर्देश देते हुए कहा कि पंजाब में बाढ़ से प्रभावित जो लोग हरियाणा में आ रहे हैं, उनकी मदद के लिए ठहरने, भोजन और अन्य आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था तुरंत प्रभाव से की जाए। साथ ही पशुओं के लिए चारे की भी समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।
उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि आबादी वाले क्षेत्रों में जलभराव न होने पाए, इसके लिए प्रशासन सभी आवश्यक इंतजाम करे। साथ ही, खेतों और दूरस्थ इलाकों में जलभराव तथा नदियों के जलस्तर पर लगातार निगरानी रखी जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के कार्यकारी अभियंता, सभी एसडीएम, तहसीलदार, पटवारी, डीआरओ, डीडीपीओ सहित संबंधित अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में तैनात रहकर हालात पर सतत नजर रखें।
उन्होंने जिला प्रशासन को पंचायत प्रतिनिधियों, रेज़िडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों और सिविल सोसाइटी संगठनों को राहत व बचाव कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल करने के निर्देश दिए, ताकि प्रभावित लोगों तक जल्द से जल्द मदद सुनिश्चित हो सके।
स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट पर रहने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी अस्पतालों और मोबाइल मेडिकल टीमें, दवाइयां, ओआरएस, टीके तथा एंबुलेंस सेवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करें। इसी प्रकार, पशुपालन विभाग को पशुओं के लिए चारा, दवाइयाँ, टीकाकरण और प्रभावित क्षेत्रों में पशु चिकित्सा टीमों की सक्रियता बनाए रखने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि हरियाणा डिजास्टर रिलीफ फोर्स (एचडीआरएफ) को अलर्ट पर रखा जाए। मुख्यालय से किसी भी प्रकार की सहायता की आवश्यकता पड़ने पर सभी विभागाध्यक्ष तत्परता से उपलब्ध रहें। साथ ही, पर्याप्त संख्या में पम्पिंग सेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए और शहरी क्षेत्रों की सफाई व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रखी जाए, ताकि वर्षा जल निकासी में कोई बाधा न आए।
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