माधोपुर हैड पर फूलों की वर्षा, निहंग सिंहों के गतके के जौहर और पंजाब पुलिस की सलामी के साथ श्रद्धा का अद्भुत नज़ारा
माधोपुर हैड पर फूलों की वर्षा, निहंग सिंहों के गतके के जौहर और पंजाब पुलिस की सलामी के साथ श्रद्धा का अद्भुत नज़ारा
ख़बर ख़ास, पठानकोट :
नौवें पातशाह श्री गुरु तेग़ बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में श्रीनगर से 19 नवंबर को आरंभ हुआ नगर कीर्तन आज पंजाब में प्रवेश करते ही श्रद्धा और उत्साह का अद्वितीय प्रतीक बन गया। जैसे ही नगर कीर्तन माधोपुर हैड के समीप पहुंचा, कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक्क, जिला प्रशासन पठानकोट और भारी संख्या में संगतों ने पुष्पवर्षा कर इसका भव्य स्वागत किया। पूरे क्षेत्र में जयकारों की गूंज और आध्यात्मिक उल्लास वातावरण को पवित्रता से भर रहा था।
नगर कीर्तन के पंजाब में प्रवेश करने के उपलक्ष्य में पंजाब पुलिस की टुकड़ी ने सम्मान स्वरूप सलामी दी, जो इस यात्रा की गरिमा और परंपरा को और अधिक ऊँचा उठाती है। इस अवसर पर निहंग सिंहों द्वारा प्रस्तुत गतका कला के अद्भुत प्रदर्शन ने संगत को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी वीरता और सिख परंपरा की यह झलक नगर कीर्तन का मुख्य आकर्षण बनी रही।
कार्यक्रम में कई महत्वपूर्ण अधिकारी और गणमान्य व्यक्तित्व उपस्थित रहे। डिप्टी कमिश्नर डॉ. पल्लवी, एसएसपी दलजिंदर सिंह ढिल्लों, आम आदमी पार्टी पंजाब के उप प्रधान स्वरन सलारिया, जिला प्रधान अमनदीप सिंह संधू, साहिब सिंह साबा, किसान विंग के प्रधान बलजिंदर बंटी सहित अनेक सामाजिक और धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने नगर कीर्तन का स्वागत कर श्रद्धा अर्पित की।
नगर कीर्तन का मार्ग भी पूरे क्षेत्र में श्रद्धा और उत्साह का केंद्र रहा। माधोपुर से सुजानपुर, मलकपुर, छोटी नहर, टैंक चौक, बस अड्डा पठानकोट, लाइटों वाला चौक और मिशन चौक होते हुए नगर कीर्तन का श्री गुरु हरिकृष्ण पब्लिक स्कूल, मिशन रोड, पठानकोट में ठहराव किया गया। स्थानीय संगतों ने पूरे मार्ग पर पुष्पवर्षा, सेवा और लंगर के माध्यम से श्रद्धा और सेवा भाव का उदाहरण प्रस्तुत किया।
अगले चरण में, 21 नवंबर की सुबह नगर कीर्तन श्री गुरु हरिकृष्ण पब्लिक स्कूल, मिशन रोड से आगे प्रस्थान करेगा। यह सिम्बल हक, चक्की पुल, डमटाल, मीरथल और टोल प्लाज़ा मानसर से होते हुए जिला होशियारपुर की सीमा में प्रवेश करेगा। यात्रा के आगामी पड़ावों पर भी इसी तरह श्रद्धा, उत्साह और आध्यात्मिक जोश की अपेक्षा की जा रही है।
श्री गुरु तेग़ बहादुर जी की महान शहादत सिख धर्म के इतिहास में मानवता, धार्मिक स्वतंत्रता और साहस का प्रतीक है। उनके 350वें शहीदी दिवस के इस अवसर पर निकले नगर कीर्तन ने न केवल श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक अनुभव प्रदान किया बल्कि एकता, भाईचारे और सेवा की अमूल्य भावना को भी समाज में पुनः जागृत किया।
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