* कहा, ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ मुहिम लोक लहर में बदली: यदि हम मर भी जाएँ तो भी नशों का मुकम्मल खात्मा होकर रहेगा * बोले, नौजवान नशों के टीकों की जगह पुनर्वास, नौकरियों, जिम और स्टेडियमों के ज़रिए खेलों और ज़िंदगी सँवारने के सपने देखने लगे