सुमित्रा मिश्रा ने इस बात पर ज़ोर दिया कि इसका उद्देश्य अपराधों की गंभीरता को कम करना नहीं, बल्कि उन्हें परिवर्तन के क्षणों के रूप में उपयोग करना है। उन्होंने कहा, "हर अपराध समाज पर एक दाग छोड़ता है, लेकिन एक अवसर भी छोड़ता है - एक गलत को सार्वजनिक भलाई में बदलने का अवसर।"