* साइबर धोखाधड़ी के मामलों में रिकवर तथा होल्ड की गई राशि में गत दो वर्षों में लगभग चार गुना बढ़ोतरी * पिछले 2 वर्षों में गिरफ्तार किए गए साइबर अपराधियों की संख्या में भी 4 गुना से अधिक की वृद्धि
* साइबर धोखाधड़ी के मामलों में रिकवर तथा होल्ड की गई राशि में गत दो वर्षों में लगभग चार गुना बढ़ोतरी * पिछले 2 वर्षों में गिरफ्तार किए गए साइबर अपराधियों की संख्या में भी 4 गुना से अधिक की वृद्धि
साइबर अपराधों से संबंधित ऐसे मामले जिसमें एफआईआर ना हुई हो, में धनराशि को डी फ्रीज अर्थात रिफंड करवाने संबंधी मामलों का अब लोक अदालतो में हो सकेगा निपटारा, अधिसूचना जारी
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा पुलिस द्वारा साइबर अपराध पर नियंत्रण के लिए शुरू की गई मिशन मोड अप्रोच के उल्लेखनीय परिणाम सामने आए हैं। पिछले दो वर्षों में प्रदेश में न केवल साइबर ठगी के मामलों में भारी कमी आई है, बल्कि रिकवरी, गिरफ्तारी और तकनीकी कार्रवाई में भी अभूतपूर्व सफलता हासिल की गई है। मार्च 2024 में जहां साइबर अपराधियों द्वारा प्रदेशवासियों से कुल 107.86 करोड़ रुपये की ठगी की गई थी, वहीं मार्च 2025 में यह आंकड़ा घटकर 40.86 करोड़ रुपये रह गया है। इस प्रकार हरियाणा में साइबर अपराध से जुड़ी ठगी की राशि में 62 प्रतिशत की रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है।
इसके लिए पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने हरियाणा साइबर पुलिस की टीम को बधाई दी है जिन्होंने साइबर अपराधियों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए पूरे समपर्ण भाव से कार्य किया और इसे मात्र अपनी ड्यूटी ना मानते हुए 24 घंटे मिशन मोड में उत्तरदायित्वों का निर्वहन किया।
बिना एफआईआर के अब मिलेगा रिफंड, हरियाणा ने किया कानूनी बदलाव
हरियाणा पुलिस के प्रयासों से एक ऐतिहासिक पहल संभव हो सकी है, जिसमें अब साइबर धोखाधड़ी से संबंधित धनराशि के रिफंड के लिए एफआईआर की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है। माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश और विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 में संशोधन के पश्चात अब ऐसे मामलों में पीड़ित लोक अदालतों में आवेदन देकर धनराशि वापसी के लिए कार्रवाई कर सकते हैं, बशर्ते उस घटना में एफआईआर दर्ज न हुई हो। इस बदलाव से हरियाणा देश का पहला राज्य बन गया है जिसने कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से पीड़ितों को एफआईआर के बिना रिफंड दिलवाने की शुरुआत की है।
तेज़ प्रतिक्रिया वाली साइबर हेल्पलाइन 1930 बनी बड़ी ताकत
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक साइबर, ममता सिंह ने जानकारी दी कि हरियाणा साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 की टीम ने सितंबर-2023 की तुलना में मार्च 2025 में साइबर ठगी की चार गुना अधिक राशि को धोखाधड़ी से बचाने में सफलता प्राप्त की। इसके पीछे मुख्य कारण तकनीकी रूप से दक्ष कर्मियों की तैनाती और त्वरित रिस्पॉन्स सिस्टम है। सितंबर 2023 में 1930 हेल्पलाइन पर जहां मात्र 12 पुलिसकर्मी कार्यरत थे, वहीं अब यह संख्या बढ़ाकर 70 कर दी गई है।
साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी और तकनीकी कार्रवाई में जबरदस्त उछाल
हरियाणा पुलिस ने पिछले दो वर्षों में साइबर अपराधियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। वर्ष-2023 में जहां औसतन 5 साइबर अपराधियों को प्रतिदिन गिरफ्तार किया जा रहा था, वर्ष-2025 में यह संख्या बढ़कर 22 हो गई है। बैंक खातों और मोबाइल नंबरों पर भी कड़ी कार्रवाई की गई है। वर्ष 2024 में 2,83,589 बैंक खातों और 1,24,565 मोबाइल नंबरों को साइबर अपराध में संलिप्तता के कारण बंद करवाया गया है, जो देशभर में सबसे अधिक है। इसके अलावा लगभग 50 बैंककर्मियों को भी धोखाधड़ी में संलिप्त पाए जाने पर गिरफ्तार किया गया।
बैंकों के साथ सामूहिक मंच तैयार, गोल्डन ऑवर में रोकते हैं ठगी
हरियाणा पुलिस ने बैंकों के साथ समन्वय स्थापित कर एक संयुक्त प्लेटफॉर्म तैयार किया है। आज 11 बड़े बैंकों के 16 नोडल अधिकारी हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं, ताकि साइबर ठगी के बाद ‘गोल्डन ऑवर‘ के भीतर ही राशि को ब्लॉक कर पीड़ित को राहत मिल सके। यह सभी एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर समन्वित प्रयासों के माध्यम से काम कर रहे हैं।
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