ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर बोले शिक्षा मंत्री ढांडा
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर बोले शिक्षा मंत्री ढांडा
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने आज विधान सभा के शीतकालीन सत्र के दौरान लाये गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर सदन में कहा कि हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद के माध्यम से राष्ट्रीय कौशल योग्यता ढांचा के अंतर्गत व्यावसायिक शिक्षा कार्यक्रम का संचालन शैक्षणिक सत्र 2012-13 से किया जा रहा है। यह भारत सरकार की वित्तपोषित योजना है, जिसे समग्र शिक्षा एवं पीएम श्री योजना के अंतर्गत क्रियान्वित किया जा रहा है। इस योजना की वार्षिक स्वीकृति शिक्षा मंत्रालय की परियोजना स्वीकृति बोर्ड द्वारा प्रदान की जाती है।
उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए है तथा वर्तमान में राज्य के 1,398 राजकीय विद्यालयों में संचालित किया जा रहा है। इन विद्यालयों में कुल 2,238 व्यावसायिक प्रयोगशालाएं स्थापित की गई हैं। चालू शैक्षणिक सत्र में इस कार्यक्रम के अंतर्गत कुल 2,03,557 विद्यार्थी नामांकित हैं। विद्यार्थियों को कुल 15 व्यावसायिक क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, जिनमें ब्यूटी एवं वेलनेस, आईटी/आईटीईएस, ऑटोमोबाईल, हेल्थकेयर, रिटेल, पर्यटन एवं हॉस्पिटैलिटी, प्राईवेट सिक्योरिटी, बैंकिंग एवं फाइनेंस, परिधान एवं फैशन डिजाइनिंग, पावर, प्लंबिंग, कंस्ट्रक्शन, मीडिया एवं एंटरटेनमेंट, कृषि तथा शारीरिक शिक्षा शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा कुल 2,784 व्यावसायिक अध्यापक पद स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 2,052 पद भरे जा चुके है। व्यावसायिक अध्यापकों के मानदेय हेतु भारत सरकार द्वारा 25,000 रुपये प्रति अध्यापक प्रति माह की आंशिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जबकि शेष राशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जाती है। वर्तमान में एक व्यावसायिक अध्यापक का कुल मानदेय 35,075 रुपये प्रति माह है। व्यावसायिक अध्यापकों की क्षमता वृद्धि एवं कौशल उन्नयन हेतु निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। सभी व्यावसायिक अध्यापकों के लिए नियमित रूप से पांच दिवसीय इन सर्विस प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जो श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय पलवल, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान तथा राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के माध्यम से संचालित किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त चयनित व्यावसायिक अध्यापकों को पंण्डित सुंदरलाल शर्मा केन्द्रीय व्यावसायिक शिक्षा संस्थान भोपाल में विशेष प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया है।
उन्होंने कहा कि कक्षा शिक्षण के साथ-साथ विद्यार्थियों को व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इसके अंतर्गत कारीगरों एवं उद्योग विशेषज्ञों द्वारा अतिथि व्याख्यान, ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण तथा पाठयक्रम के अनुसार संबंधित उद्योगों में शैक्षणिक भ्रमण आयोजित किए जाते हैं। विद्यार्थियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने हेतु प्रत्येक जिले में प्रतिवर्ष रोजगार मेलों का आयोजन किया जाता है (कोविड-19 अवधि को छोड़कर) अब तक कुल 3,430 विद्यार्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए जा चुके हैं।
इसके अतिरिक्त, हरियाणा सरकार द्वारा कुशल बिजनेस चैलेंज नामक एक महत्वपूर्ण पहल प्रारंभ की गई है, जिसके अंतर्गत विद्यार्थी अपने व्यावसायिक विचार विकसित करते हैं तथा उद्यमिता से संबंधित व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करते हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा प्रत्येक जिले में एक मॉडल संस्कृति स्कूल में कुल 22 उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। प्रत्येक स्कूल में 5 व्यावसायिक कौशल संचालित किए जाएंगे, ताकि विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुख शिक्षा मिल सके। यह कार्य श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय, पलवल, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड, भिवानी तथा शिक्षा विभाग, हरियाणा के संयुक्त प्रयासों से किया जाएगा। कुल मिलाकर, एनएसक्यूएफ के अंतर्गत संचालित व्यावसायिक शिक्षा कार्यक्रम हरियाणा में सफलतापूर्वक क्रियान्वित हो रहा है और विद्यार्थियों के कौशल विकास, रोजगार योग्यता एवं उद्यमशीलता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
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