कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान लगी थी गोली
कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान लगी थी गोली
खबर खास, बिलासपुर :
हिमाचल के बिलासपुर के सेना में लांस दफेदार बलदेव चंद पंचतत्व में विलीन हो गए। उनका आज, रविवार को उनके पैतृक गांव गंगलोह में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। गांव में परिजनों व गांव वालों के अलावा विधायक जीत राम कटवाल, उपायुक्त, एसपी व डीएसपी समेत कई प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।
35 वर्षीय बलदेव चंद कुपवाड़ा में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान गोली लगने से शहीद हुए थे। शहीद बलदेव चंद अपने पीछे सात साल का बेटा ईशान ठाकुर, पत्नी शिवानी रनोट, माता-पिता और छोटे भाई को छोड़ गए हैं। परिजनों को सेना द्वारा शनिवार सुबह बलदेव की शहादत की सूचना दी गई थी।
शहीद की पार्थिव देह रविवार सुबह जम्मू- कश्मीर से हेलिकॉप्टर में चंडी मंदिर लाई गई। जहां से सड़क मार्ग से बिलासपुर लाया। शहीद की पार्थिव देह को कुछ देर के लिए घर पर अंतिम दर्शन को रखा। इसके बाद पैतृक गांव में अंतिम संस्कार हुआ।
बलदेव चंद साल 2011 में सेना में भर्ती हुए थे। वह 4 राष्ट्रीय राइफल्स (बिहार) में तैनात थे। 15 साल की देश सेवा के बाद शुक्रवार रात को वह वीरगति को प्राप्त हो गए हैं। वह, सिपाही भर्ती हुए थे। इस वक्त वह लांस दफेदार थे।
पिछले महीने ही तीन अगस्त को छुट्टी काटकर लौटे बलदेव चंद ने परिवार से 17 सितंबर को ही फोन पर बात की। तब उन्होंने पिता से कहा कि वह ठीक-ठाक हैं। शहीद ने पिता से यह भी बताया कि वह एक ऑपरेशन में हैं और तीन से चार दिन लग जाएंगे। बलदेव चंद के पिता बिशन दास खुद भी भारतीय सशस्त्र बल से रिटायर हैं। उन्होंने बताया कि, शनिवार सुबह सैन्य अधिकारियों ने बेटे की शहादत की सूचना दी।
सीएम सुक्खू ने जताया शोक
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बलदेव चंद की शहादत पर शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि, बलदेव चंद ने देश की सीमाओं की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर किए। उनके इस सर्वोच्च बलिदान को सदैव याद रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस दुःख की घड़ी में शोक संतप्त परिवार के साथ है और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
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