मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा चलाई जा रही ‘पंजाब शिक्षा क्रांति’ मुहिम के तहत सरकारी स्कूलों की सूरत बदलकर उन्हें आधुनिक समय की ज़रूरतों के मुताबिक बनाया जा रहा है। यह बात कैबिनेट मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने लहरा हलके के 9 सरकारी स्कूलों में 1.41 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण करते हुए कही।
कहा, बाबा साहब के सपनों को साकार करने के लिए पंजाब सरकार राज्य में सेहत और शिक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए कर रही है ठोस प्रयास
खबर खास, चंडीगढ़/लहरागागा :
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा चलाई जा रही ‘पंजाब शिक्षा क्रांति’ मुहिम के तहत सरकारी स्कूलों की सूरत बदलकर उन्हें आधुनिक समय की ज़रूरतों के मुताबिक बनाया जा रहा है। यह बात कैबिनेट मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने लहरा हलके के 9 सरकारी स्कूलों में 1.41 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण करते हुए कही।
अपने संबोधन में कैबिनेट मंत्री ने कहा कि ‘पंजाब शिक्षा क्रांति’ मुहिम के तहत सरकारी शिक्षा को सर्वोत्तम बनाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ा है और अभिभावकों को भी संतोष है कि उन्होंने अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए सरकारी स्कूलों पर भरोसा किया है।
गोयल ने कहा कि पंजाब सरकार के सार्थक प्रयासों के चलते विद्यार्थी प्राइवेट स्कूलों को छोड़कर सरकारी स्कूलों में पढ़ाई को प्राथमिकता देने लगे हैं, जिससे यह सिद्ध होता है कि पंजाब सरकार का शिक्षा मॉडल काफी पसंद किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार अध्यापकों को आधुनिक शिक्षण तकनीकों की जानकारी देने के उद्देश्य से देश-विदेश में शैक्षणिक दौरों पर भेज रही है।
अपने संबोधन के दौरान कैबिनेट मंत्री ने पंजाब सरकार द्वारा जनहित में चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। उन्होंने कहा कि यह इतिहास में पहली बार हुआ है कि मान सरकार ने कैबिनेट में छह अनुसूचित जाति वर्ग से संबंधित मंत्रियों को स्थान दिया है और पहली बार ए.जी. कार्यालय में आरक्षण लागू कर और अनुसूचित जाति छात्रवृत्तियों का निर्बाध वितरण सुनिश्चित कर बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के सपनों को साकार किया है।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि इस महान नेता के सपनों को साकार करने के लिए पंजाब सरकार राज्य में स्वास्थ्य और शिक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए ठोस प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि पहले आम लोगों के लिए अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजना मजबूरी होती थी, लेकिन अब शिक्षा प्रणाली को नया स्वरूप दिया जा रहा है, जिसके चलते अब लोग अपनी इच्छा से अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला दिला रहे हैं।
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