प्रतिनिधियों ने आयोग के समक्ष यह मांग रखी कि हरियाणा की औद्योगिक बिजली दरों को पंजाब, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान जैसे पड़ोसी राज्यों के समकक्ष लाया जाए, ताकि राज्य की प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति बनी रहे और नए निवेशकों को प्रोत्साहन मिल सके।