कमेटी के सदस्यों ने ज़ोर देकर कहा कि हमारे गुरुओं की शिक्षाएं हमें प्रकृति की रक्षा का विश्वव्यापी संदेश देती हैं। “पवन गुरु, पानी पिता, माता धरत महतू” — इस वाक्य के ज़रिए हवा को गुरु, पानी को पिता और धरती को माँ कहा गया है, जो पर्यावरण की अहमियत को दर्शाता है।
कहा, आज पेड़ों और महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा की ज़रूरत है
खबर खास, चंडीगढ़ :
बीते वर्ष 2 दिसंबर को श्री अकाल तख्त साहिब की दीवार से पाँच सिंह साहिबान द्वारा एक हुकमनामा जारी किया गया था, जिसमें एक साल के अंदर 1.25 लाख (सवा लाख) पौधे लगाने का आदेश दिया गया। इस हुकमनामे की भावना को पूरा करने की शुरुआत करते हुए भर्ती कमेटी के सदस्य — सरदार मनप्रीत सिंह अयाली, जत्थेदार गुरप्रताप सिंह वडाला, जत्थेदार इकबाल सिंह झूंडा, जत्थेदार संता सिंह उमैदपुरी और बीबी सतवंत कौर — ने खुद पौधे लगाकर इसकी शुरुआत की।
कमेटी के सदस्यों ने ज़ोर देकर कहा कि हमारे गुरुओं की शिक्षाएं हमें प्रकृति की रक्षा का विश्वव्यापी संदेश देती हैं। “पवन गुरु, पानी पिता, माता धरत महतू” — इस वाक्य के ज़रिए हवा को गुरु, पानी को पिता और धरती को माँ कहा गया है, जो पर्यावरण की अहमियत को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि आज के समय में पेड़ों और धरती की रक्षा करना हमारी सामाजिक और नैतिक ज़िम्मेदारी है। आधुनिक दौर में पेड़ों की बहुत अधिक कटाई के कारण तापमान बढ़ गया है और ग्लोबल वार्मिंग हो रही है।
भर्ती कमेटी ने सभी अकाली वर्करों से अपील की कि वे श्री अकाल तख्त साहिब के हुकमनामे का पालन करते हुए कम से कम दो पौधे ज़रूर लगाएँ। साथ ही, पौधे लगाते समय अपनी फोटो सोशल मीडिया पर भी साझा करें, ताकि और लोग भी इस मुहिम से जुड़कर पर्यावरण की रक्षा में योगदान दें।
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