केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के ड्रग अलर्ट में हुआ खुलासा नवंबर महीनें में उत्तराखंड में 39, गुजरात में 27, मध्य प्रदेश में 19, तमिलनाडु में 12, हरियाणा में 9, तेलंगाना और चेन्नई की 7-7, सिक्किम व पुडुचेरी की 5-5 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के ड्रग अलर्ट में हुआ खुलासा नवंबर महीनें में उत्तराखंड में 39, गुजरात में 27, मध्य प्रदेश में 19, तमिलनाडु में 12, हरियाणा में 9, तेलंगाना और चेन्नई की 7-7, सिक्किम व पुडुचेरी की 5-5 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं।
खबर खास, शिमला :
देश में बनी 205 दवाओं के नमूने फेल ओ गए हैं। इसका खुलासा केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) के ड्रग अलर्ट में हुआ है। इनमें से 47 दवाएं हिमाचल में बनी है। इन दवाओं में बुखार, मधुमेह, दिल, मिर्गी, संक्रमण और पेट से जुड़ी बीमारियों की दवाएं शामिल हैं। हिमाचल के अलावा उत्तराखंड में 39, गुजरात में 27, मध्य प्रदेश में 19, तमिलनाडु में 12, हरियाणा में 9, तेलंगाना और चेन्नई की 7-7, सिक्किम व पुडुचेरी की 5-5 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं।
सीडीएससीओ की ओर से जारी नवंबर के ड्रग अलर्ट के मुताबिक यह दवाएं गुणवत्ता जांच में फेल पाई गई और इन दवाओं को नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी घोषित किया गया है। यह दवाएं इंडस्ट्रियल एरिया बद्दी, बरोटीवाला, नालागढ़, सोलन, कालाअंब, पांवटा साहिब और ऊना स्थित फार्मा इकाइयों में निर्मित की गई थीं। हिमाचल में बनी दवाओं के 35 दवाओं के सैंपल राज्य की प्रयोगशालाओं और 12 सैंपल केंद्रीय प्रयोगशालाओं में फेल पाए गए। सिरमौर जिले के कालाअंब स्थित एक कंपनी के पांच सेंपल फेल हुए हैं।
इन दवाओं में पैरासिटामोल, मेटफॉर्मिन, क्लोपिडोग्रेल, एस्पिरिन, रेमिप्रिल, सोडियम वैल्प्रोएट, मेबेवेरिन हाइड्रोक्लोराइड, टेलमीसार्टन, क्लेरिथ्रोमाइसिन, सेफिसाइन और जेंटामाइसिन इंजेक्शन जैसी दवाएं शामिल हैं। ये दवाएं टाइफाइड, फेफड़ों व मूत्र संक्रमण, खांसी, अस्थमा, एलर्जी और पाचन तंत्र से जुड़ी बीमारियों के इलाज में दी जाती हैं।
हिमाचल में जिन जिलों की कंपनियों की दवाएं फेल हुई हैं, उनमें सोलन जिले की 28, सिरमौर की 18 और ऊना की एक कंपनी शामिल है। सभी संबंधित कंपनियों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं।
हिमाचल के ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर के मुतसबिक, ड्रग अलर्ट में जिन उद्योगों की दवाओं के सैंपल फेल हुए है, उन सभी की कंपनियों को नोटिस जारी किए जाएंगे। संबंधित दवाओं का स्टॉक बाजार में नहीं भेजने के निर्देश दिए जाएंगे। जिन कंपनियों की दवाइयों के सैंपल बार-बार फेल हो रहे हैं, उन्हें चिह्नित कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गौर रहे कि हिमाचल में राज्य सरकार और ड्रग कंट्रोलर डिपार्टमेंट के तमाम दावों के बावजूद हर महीने बड़ी संख्या में दवाओं के नमूने फेल हो रहे हैं।
हिमाचल में इन कंपनियों की दवाएं हुईं फेल
सैफनिक्स लाइफ साइंसेज, बरोटीवाला, पांवटा साहिब, मार्टिन एंड ब्राउन बायो-साइंसेज, मलकुमाजरा, नालगढ़, बद्दी, रामेश इंडस्ट्रीज बद्दी सोलन, बायोकोनिक रेमेडीज, गोंदपुर, पोंटा साहिब, बेनेट फार्मास्यूटिकल्स, चनाल माजरा, मानपुरा, बद्दी ताल. नालागढ़, सिग्मा सॉफ्टजेल एंड फॉर्मूलेशन, बद्दी, विंग्स बायोटेक एलएलपी, बद्दी, बीएन हर्बल्स, जुड्डी कलां, बद्दी, क्योरटेक फॉर्मूलेशन (पी) विला, जुड्डी कलां, बद्दी, प्लेना रेमेडीज़, औद्योगिक क्षेत्र भटोली कलां, बद्दी, फार्मारूट्स हेल्थकेयर, टिपरा, बद्दी, शिवानी फार्मास्युटिकल्स बद्दी, सोलन, जेएम लेबोरेटरीज, भनात पीओ घाटी, सुबाथू रोड, सोलन, थियोन फार्मास्यूटिकल, सैनी माजरा, नालागढ़, चिमक हेल्थ केयर, गलानाग, सोलन, बीसीएल फार्मा, रामपुर माजरी, धौलाकुआं, सिरमौर, वेराक्स लाइफ साइंसेज़, सूरजमाजरा, बद्दी, मार्वेलॉन फार्मास्यूटिकल्स दामोवाला, बरोटीवाला, बद्दी, सैफनिक्स लाइफ साइंसेज, पांवटा साहिब, गो-ईश रेमेडीज़गुजरान, पंजेहरा, स्वारघाट रोड नालागढ़, (यूनिट-ii) 31, राजभवन रोड, निरिवाला, पांवटा साहिब, चंबाघाट सोलन, एचपीएसआईडीसी औद्योगिक क्षेत्र, बद्दी, रेलवे क्रॉसिंग के समीप, सोलन, ऊना हरौली में बनने वाली सेफिक्साइम और लैक्टिक एसिड बैसिलस डिस्पर्सिबल टैबलेट।
Like
Dislike
Love
Angry
Sad
Funny
Wow
Comments 0