कहा, मैं शिकायतों के आधार पर इंसाफ करता हूं, जिसने गलत कार्य किया उसके खिलाफ कार्रवाई तो होगी
कहा, मैं शिकायतों के आधार पर इंसाफ करता हूं, जिसने गलत कार्य किया उसके खिलाफ कार्रवाई तो होगी
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के ऊर्जा, परिवहन व श्रम मंत्री अनिल विज ने आज सिरसा में जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक की अध्यक्षता की। इसके उपरांत पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि आज बैठक में 17 शिकायतें आई, जिनमें से छ: हल कर दी गई हैं और 11 अगली बैठक में रखी जाएंगी, जिनमें जानकारी मांगी गई है। शिकायतों के आधार पर आज दो कर्मियों को सस्पेंड किया गया है जिनमें एक पुलिस कर्मी शामिल है जबकि दूसरा बिजलीकर्मी है।
उन्होंने कहा कि वह शिकायतों के आधार पर इंसाफ करते हैं और जिसने गलत कार्य किया है उसके खिलाफ कार्रवाई तो होगी। 31 पेड़ काटने के आरोप के मामले की जांच के लिए कमेटी बनाई गई है जोकि मौके पर जाकर देखेगी। यदि गड़बड़ी मिली तो वह उसपर भी एक्शन लेंगे।
गाड़ी नहीं मिलने के मामले में किसी का भी कोई दोष नहीं
गत दिनों कुरुक्षेत्र में गीता जयंती महोत्सव के दौरान ऊर्जा मंत्री श्री अनिल विज को गाड़ी नहीं मिलने के प्रश्न पर मंत्री अनिल विज ने कहा कि इसमें किसी का भी कोई दोष नहीं है। प्रशासन का भी दोष नहीं है, उनका कुरुक्षेत्र जाने का कोई कार्यक्रम नहीं था। मुझे तो न्यौता भी नहीं था, वह अम्बाला एयरफोर्स स्टेशन पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का स्वागत करने गए थे। रक्षा मंत्री ने हेलीकॉप्टर में बैठते ही मुझे भी कुरुक्षेत्र जाने का अनुरोध किया और वह रक्षा मंत्री के साथ हेलीकॉप्टर में चले गए और कुरुक्षेत्र में उनकी कार में बैठकर ब्रह्मसरोवर चले गए। आगे कार में कोई और बैठ गया, बस इतनी सी बात थी जिसमें किसी का कोई दोष नहीं है।
एसआईआर मामले में ऊर्जा मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अभी बिहार चुनाव में देखा कि राहुल गांधी ने जितना जोर लगा सकते थे लगाया, मगर जनता ने इन्हें रिजेक्ट कर दिया, जनता अब काम करने वाली पार्टी व काम करने वाले नेता को मानती है और भाजपा व नरेंद्र मोदी है।
प्रदेश में खिलाड़ियों की मौत के मामले में ऊर्जा मंत्री ने कहा कि दो खिलाड़ियों की जो मृत्यु हुई है उसका उन्हें दुख है जिसकी जांच होगी और जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी।
मैनें कभी भी कुछ भी बनने की चाहत नहीं रखी
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि मैनें कभी भी कुछ भी बनने के लिए चाहत नहीं रखी। जब यह मंत्रालय बंटते हैं और मुख्यमंत्री व मंत्री बनाए जाते हैं, वह आज तक कभी दिल्ली नहीं गए क्योंकि मुझे नहीं मांगना है। उन्हें पार्टी उनकी काबलियत देखकर जो दायित्व देगी वह निर्वाह करेंगे। इसलिए उन्होंने कभी इस बात की चाहत नहीं रखी है।
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