पंजाब सरकार प्रदेश में वन क्षेत्र को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए साफ-सुथरा और हरियाली भरा पर्यावरण सुनिश्चित किया जा सके। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए वन और वन्यजीव संरक्षण विभाग द्वारा विभिन्न परियोजनाएं चलाई जा रही हैं।
कहा, ‘नानक बगीची’ और ‘पवित्र वन’ में फलदार पेड़ लगाएं
वन्यजीव अभ्यारण्यों में बुनियादी ढांचे के विकास और पर्यावरण पार्क विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा
खबर खास, चंडीगढ़ :
'पंजाब सरकार प्रदेश में वन क्षेत्र को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए साफ-सुथरा और हरियाली भरा पर्यावरण सुनिश्चित किया जा सके।' यह कहना है कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारुचक्क का। वह गुरुवार को यहां 2024-25 में विभाग द्वारा शुरू की गई परियोजनाओं और 2025-26 में शुरू होने वाले भावी कार्यों की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक में शिरकत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि 2024-25 के दौरान विभिन्न कार्यों पर लगभग 155 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। पौधों लगाने के कार्यों के साथ-साथ महिला कर्मचारियों की सुविधा के लिए प्रदेश की नर्सरियों में बनाए गए शौचालयों के बारे में मंत्री को अवगत करवाया गया कि वर्ष 2023-24 के दौरान 100 नर्सरियों में, 2024-25 सीजन के दौरान 78 नर्सरियों में शौचालयों का निर्माण किया गया है जबकि 2025-26 सीजन के दौरान बाकी बची नर्सरियों में भी शौचालयों का निर्माण पूरा किया जाएगा। मौजूदा सीजन के दौरान लगभग 1 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके संबंध में मंत्री द्वारा अधिकारियों को इन पौधों की सही देखभाल और रख-रखाव को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
पेड़ों की गणना के बारे में मंत्री को बताया गया कि यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो सड़कों और नहरों के किनारे खड़े पेड़ों के संबंध में हर 5 वर्षों के बाद की जाती है।
मंत्री ने ‘नानक बगीचियां’ और ‘पवित्र वनों’ में जामुन, बोहड़ और आंवला जैसे अन्य फलदार पेड़ लगाने के निर्देश दिए और वी.सी. के दौरान मौजूद डी.एफ.ओज़. को हाईवे के साथ पौधे लगाने के लिए भी कहा। उन्होंने यह भी कहा कि पर्यावरण पार्कों को विकसित करने और वन्यजीव अभ्यारण जैसे कथलौर वन्यजीव अभ्यारण्य, सोहिया बीड़ क्षेत्र और बमियाल जैसे अन्य सुंदर स्थानों पर सुविधाओं और बुनियादी ढांचे का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।
Comments 0