पूर्व पीएम डा. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार की व्यवस्था को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के राजकीय अंतिम संस्कार में सरकार की तरफ से अव्यवस्था और अनादर देखकर हैरानी हुई।
पूर्व पीएम डा. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार की व्यवस्था को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के राजकीय अंतिम संस्कार में सरकार की तरफ से अव्यवस्था और अनादर देखकर हैरानी हुई।
खबर खास, नई दिल्ली:
पूर्व पीएम डा. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार की व्यवस्था को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के राजकीय अंतिम संस्कार में सरकार की तरफ से अव्यवस्था और अनादर देखकर हैरानी हुई। उन्होंने कहा कि डा.सिंह के परिवार के लिए तीन ही कुर्सियां रखी गईं थी जबकि परिवार के बाकी लोगों को कुर्सियां मांगनी पड़ी। खेड़ा ने इसके अलावा पीएम नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब डा.सिंह की पत्नी को राष्ट्रीय ध्वज सौँपा गया और गन सैल्यूट दिया गया तब पीएम मोदी और मंत्री खड़े तक नहीं हुए।
खेड़ा ने कहा कि डॉ. सिंह सम्मान और गरिमा के हकदार थे। इस अव्यवस्था से ये साफ होता है कि एक महान नेता के प्रति केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं और लोकतांत्रिक मूल्यों में कितनी कमी है।
पवन खेड़ा ने कहा कि दूरदर्शन के अलावा किसी भी समाचार एजेंसी को अनुमति नहीं दी गई थी और डीडी ने भी मोदी और शाह पर ही ध्यान केंद्रित किया और डा.सिंह के परिवार को बहुत कम दिखाया। उन्होंने कहा कि परिवार के लिए सिर्फ तीन कुर्सियां सामने की लाइन में थी जबकि वहां मौजूद दूसरे कांग्रेस नेताओं ने उनके परिवार के लिए सीटों की व्यवस्था की। उन्होंने कहा कि डा.मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार की चिता के आसपास परिवार को पर्याप्त जगह नहीं दी गई क्योंकि एक ओर सिर्फ सैनिकों ने जगह घेर रखी थी। उन्होंने कहा कि आम लोगों को भी अंतिम संस्कार नहीं देखने दिया और निगम बोध घाट जाने से रोका गया। वह बाहर से ही कार्यक्रम देखने को मजबूर रहे।
खेड़ा ने कहा कि अमित शाह के काफिले ने डॉ. मनमोहन सिंह की शव यात्रा को बाधित किया। इस कारण उनके परिवार की गाड़ियां घाट के बाहर ही रह गईं और गेट बंद कर दिया गया। इसके बाद परिवार के सदस्यों को ढूंढकर वापस अंदर लाना पड़ा। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं अंतिम संस्कार की रस्में निभाने वाले डॉ. सिंह के पोतों को चिता तक पहुंचने के लिए जगह के लिए संघर्ष करना पड़ा। उन्हें चिता के नजदीक पहुंचने में जद्दोजहद करनी पड़ी।
खेड़ा ने सवाल उठाया कि भूटान के राजा तो खड़े हुए, पर देश के प्रधानमंत्री खड़े नहीं हुए।
गौर रहे कि इससे पहले राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि सिख समुदाय के पहले प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर करवाकर केंद्र सरकार ने उनका सरासर अपमान किया है।
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