62 में 43 इंस्पेक्टरों पर की नेगेटिव मार्किंग, अब गेंद चंडीगढ़ प्रशासक के पाले में
62 में 43 इंस्पेक्टरों पर की नेगेटिव मार्किंग, अब गेंद चंडीगढ़ प्रशासक के पाले में
खबर खास, चंडीगढ़ :
पूर्व डीजीपी सुरेंद्र यादव ने जाते-जाते पुलिस विभाग के कई इंस्पेक्टरों की एसीआर यानि एनुअल कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट पर लाल निशान लगा गए हैं। ऐसा चंडीगढ़ पुलिस विभाग के इतिहास में पहली बार हुआ है कि 62 में 43 इंस्पेक्टरों की एसीआर पर किसी बड़े अधिकारी की ओर से ऐसी कार्रवाई की गई हो। जब रिपोर्टिंग व रिव्यूंइग अथॉरिटी के पास उनकी एसीआर गई थी तब उनके नंबर 90 से 95 फीसद थे। लेकिन डीजीपी ने 43 इंस्पेक्टरों के नंबर घटाकर 50 से 60 फीसद कर दिए। इतना ही नहीं उन्होंने उसपर सख्त टिप्पणियां भी की।
तत्कालीन डीजीपी की टिप्पणियों में कानून की जानकारी नहीं, सार्वजनिक व्यवहार खराब या वक्त के पाबंद ना होना प्रमुख है। ऐसे में जब यह जानकारी इंसपेक्टरों को लगी तो उनमें हड़कंप मच गया। बताया जा रहा है कि जिन इंस्पेक्टरों की एसीआर सही नहीं हैं उनमें से 15 तो शहर के अलग-अलग थानों, ऑपरेशन सेल, क्राइम ब्रांच, एएनटीएफ, डिस्ट्रिक्ट क्राइम सेल व साइबर क्राइम थाने में अहम पदों पर तैनात हैं। जिनमें से कई पिछले कई सालों से पब्लिक डीलिंग पोस्ट पर हैं।
हालांकि जैसे ही उन इंस्पेक्टरों की इसकी जानकारी मिली तब उन्होंने मौजूदा डीजीपी को इसे ठीक करने की गुहार भी लगाई है लेकिन इस लाला रंग को मिटाने की ताकत सिर्फ चंडीगढ़ प्रशासक के पास ही है। इन इंस्पेक्टरों ने उन्हें ईमेल भेजा है।
इससे पहले चंडीगढ़ पुलिस में उन एक-दो इंस्पेक्टरों की एसीआर पर नाकारात्मक अंकन होता था जो या तो भ्रष्टाचार में पकड़े गए हों या उनपर जांच में संगीन आरोप साबित हुए हों।
गौर रहे कि एसीआर की यह फाइल एसएसपी के पास जाती है जो उन्हें साल भर के काम के नंबर देता है। इसके बाद यह फाइल आईजी के पास जाती है और आईजी रिपोर्ट को जांचकर टिप्पणी देते हैं कि रिपोर्ट सही है या नहीं। इसके बाद यह डीजीपी के पास जाती है जिसपर डीजीपी भी टिप्पणी करते हैं और वह इंस्पेक्टर की कार्यप्रणाली के आधार पर नंबर बढ़ा या घटा सकते हैं।
एसीआर पर लाल निशान मतलब, मेडल व सम्मान नहीं
किसी अधिकारी की अपने कार्यकाल के दौरान एसीआर पर लाल लकीर उनके रिकॉर्ड में दर्ज हो जाती है। इससे उनकी पदोन्नति और वेतन वृद्धि पर असर पड़ता है। इसके अतिरिक्त किसी का नाम राष्ट्रपति मेडल या राज्य स्तरीय सम्मान के लिए जाना है तो वह वहां भी नहीं जा पाएगा। चंडीगढ़ पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक यदि इंस्पेक्टर वरिष्ठता में आगे हैं कि उनकी प्रमोशन डीजीपी के तौर पर होनी है, लेकिन वह अब एसीआर रिपोर्ट आने के बाद रूक गई है।
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