कहा, कांग्रेस और राहुल गांधी लोकतांत्रिक संस्थाओं के बारे में झूठ व भ्रम फैलाकर लोकतंत्र को कमजोर करने का कर रहे काम
कहा, कांग्रेस और राहुल गांधी लोकतांत्रिक संस्थाओं के बारे में झूठ व भ्रम फैलाकर लोकतंत्र को कमजोर करने का कर रहे काम
खबर खास, चंडीगढ़ :
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कांग्रेस के वोट चोरी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी लोकतांत्रिक संस्थाओं के बारे में झूठ व भ्रम फैलाकर लोकतंत्र को कमजोर करने का काम कर रहे हैं। उनके चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोप झूठे और भ्रामक हैं। मुख्यमंत्री आज यहां आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
सैनी ने कहा कि घुसपैठियों और शहरी नक्सलियों को बचाने के लिए ही राहुल गांधी और कांग्रेस झूठे और निराधार आरोप लगा रही है। कांग्रेस का एकमात्र उद्देश्य लोकतंत्र में विश्वास को तोड़ना, अशांति पैदा करना और भारत को अस्थिर करना है। भाजपा सरकार लोकतंत्र की रक्षा करती है और कांग्रेस घुसपैठियों की।
मुख्यमंत्री ने तथ्य रखते हुए कहा कि राहुल गांधी ने 2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनावों के मतदाता सूची मामले को मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार से जोड़ दिया, जबकि वे फरवरी 2025 में नियुक्त हुए थे। आखिर राहुल गांधी 2023 की घटना का दोष वर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त पर क्यों मढ़ रहे हैं। जहां तक कर्नाटक के अलंद विधानसभा क्षेत्र की बात है, जिसका हवाला वे दे रहे हैं, वहां से 2023 में कांग्रेस जीती थी। वे सच को तोड़-मरोड़ कर पेश कर जनता को भ्रमित कर रहे हैं। इस मामले में पहले ही एफ.आई.आर. दर्ज हो चुकी है। चुनाव आयोग ने उपयोग किए गए मोबाइल नंबर और आई. पी. पते भी उपलब्ध कराए थे। इसकी जांच कर्नाटक में कांग्रेस की ही सरकार की सी.आई.डी. कर रही है। उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा कि क्या राहुल गांधी को अपनी ही पार्टी की सरकार की जांच पर भरोसा नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में राहुल गांधी ने कहा है कि लोकतंत्र बचाना उनका काम नहीं है, बल्कि उनका, कांग्रेस पार्टी और इंडी गठबंधन का काम भाजपा का विरोध करना है। यह एक ही लाइन उनकी असली मंशा को उजागर करने के लिए काफी है। राहुल गांधी के सभी झूठे दावों को भारतीय चुनाव आयोग ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कुछ ही मिनटों में खारिज किए हैं। चुनाव आयोग का स्पष्ट जवाब है कि राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोप गलत और निराधार हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अलंद विधानसभा सीट के रिकॉर्ड बताते हैं कि 2023 में कांग्रेस के बी.आर. पाटिल ने 10,348 वोटों के बड़े अंतर से इसे जीता था। यह बताता है कि मतदाताओं के नाम हटाने की साजिश के आरोप निराधार हैं, जो सीट कांग्रेस ने 2018 तक कभी नहीं जीती थी, अचानक कांग्रेस के पास चली गई। क्या इसका मतलब यह है कि कांग्रेस ने वोट चोरी की थी।
उन्होंने कहा कि चुनाव ऑनलाइन जीते या हारे नहीं जा सकते। ऑनलाइन केवल झूठ फैलाया जा सकता है, झूठी बातें गढ़ी जा सकती हैं और दुष्प्रचार किया जा सकता है, जिसमें राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी और इंडी गठबंधन माहिर हैं।
जनता देख रही है कैसे जाति और धर्म के नाम पर कांग्रेस समाज में दरार डालने का कर रही काम
सैनी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने कई नाम दिखाए और दावा किया कि इनके नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए। इससे साफ जाहिर है कि वे एक धर्म विशेष के नाम पर जहरीली, खतरनाक और भड़काऊ बयानबाजी कर रहे हैं। इसका मकसद समाज को तोड़ना है। देश देख रहा है कि किस प्रकार कांग्रेस जाति और धर्म के नाम पर समाज में दरार डालने का काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सच तो यह है कि जिस एजेंसी 'सेंटर फॉर दा स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइयटीज' की रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस वोट चोरी के आरोप लगा रही है, उस एजेंसी ने गत 17 अगस्त को अपनी रिपोर्ट ही वापिस ले ली थी।
उन्होंने कहा कि मतदाता सूची से नाम हटाने की प्रक्रिया बड़ी पारदर्शी है। मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए आवेदन फॉर्म 7 भरना होता है। इसे निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी के पास अथवा राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन जमा करना होता है। किसी मतदाता का नाम हटाने की एक पूरी प्रक्रिया है और यह कार्य बूथ लेवल अधिकारी और ई.आर.ओ. की निगरानी में होता है। नाम हटाने से पहले पूछताछ भी की जाती है।
मुख्यमंत्री ने मालूर विधानसभा क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा कि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कांग्रेस विधायक के.वाई. नंजेगौड़ा के चुनाव को 16 सितंबर, 2025 को रद्द किया है और 2023 के विधानसभा चुनावों में डाले गए मतों की पुनः गणना का आदेश दिया है। लगभग दो साल की सुनवाई के बाद, अदालत ने पुन: मतगणना का फैसला सुनाया और नंजेगौड़ा के चुनाव को अवैध घोषित कर दिया। यह स्पष्ट है कि कांग्रेस ने मतगणना में धांधली की थी।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने खुले तौर पर चुनाव आयोग पर 'भारत को नष्ट करने वालों को संरक्षण' देने का आरोप लगाया। जब उनके पास कोई सबूत नहीं होता तो वे संवैधानिक संस्थाओं पर हमला करते हैं। संस्थाओं को कमजोर करना कांग्रेस के डीएनए में है। उन्होंने जिन नामों और निर्वाचन क्षेत्रों को उजागर किया है ये सभी कांग्रेस की घुसपैठिया और राजनीति के अनुरूप चुने गए हैं। राहुल गांधी भारतीय मतदाताओं के लिए नहीं लड़ रहे हैं, बल्कि वे घुसपैठियों के वोट बैंक के लिए लड़ रहे हैं।
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