पांच साल और सजा वाले अपराध में होगा लागू, विपक्ष ने किया विरोध; जेपीसी को भेजा बिल
पांच साल और सजा वाले अपराध में होगा लागू, विपक्ष ने किया विरोध; जेपीसी को भेजा बिल
खबर खास, नई दिल्ली :
गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में तीन बिल पेश किए जिसके बाद लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। बिल के मुताबिक प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री या कोई भी मंत्री किसी ऐसे अपराध के तहत गिरफ्तार या 30 दिन हिरासत में रहता है, जिसकी सजा पांच साल या उससे अधिक हो तो उसे पद छोड़ना पड़ेगा। वहीं, विपक्ष ने इन तीनों बिलों को वापस लेने की मांग की। जबकि अमित शाह ने बिलों को संयुक्त संसदीय समिति को भेजने की बात कही।
यह तीन बिल हैं 130वां संविधान संशोधन बिल 2025 है, जो केंद्र और राज्य सरकारों पर लागू होगा। जबकि दूसरा बिल गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज (संशोधन) बिल 2025 है, जो केंद्र शासित राज्यों के लिए है। वहीं, तीसरा बिल जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल 2025 है, जिसे जम्मू-कश्मीर पर लागू किया जाएगा।
गौर रहे कि दिल्ली के सीएम पद पर काबिज के दौरान अरविंद केजरीवाल और तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी ने 241 दिनों तक हिरासत व जेल में रहने के बावजूद अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया था।
केंद्र सरकार के मुताबिक, अभी केंद्र शासित प्रदेशों में गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज एक्ट, 1963 (1963 का 20) के तहत गंभीर आपराधिक आरोपों के कारण गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने का कोई प्रावधान नहीं है। इसलिए, ऐसे मामलों में मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने के लिए एक कानूनी ढांचा तैयार करने के लिए गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज एक्ट, 1963 की धारा 45 में संशोधन की आवश्यकता है।
केंद्र ने 130वां संविधान संशोधन बिल 2025 को लेकर बताया कि संविधान में किसी ऐसे मंत्री को हटाने का कोई प्रावधान नहीं है जिसे गंभीर आपराधिक आरोपों के कारण गिरफ्तार किया गया हो और हिरासत में लिया गया हो। इसलिए ऐसे मामलों में प्रधानमंत्री या केंद्रीय मंत्रिपरिषद के किसी मंत्री और राज्यों या नेशनल कैपिटल टेरिटरी दिल्ली के मुख्यमंत्री या मंत्रिपरिषद के किसी मंत्री को हटाने के लिए एक कानूनी ढांचा तैयार करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 75, 164 और 239AA में संशोधन की जरूरत है।
जबकि जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 (2019 का 34) के तहत गंभीर आपराधिक आरोपों के कारण गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने का कोई प्रावधान नहीं है। जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 54 में संशोधन के बाद गंभीर आपराधिक केस में गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए मुख्यमंत्री या मंत्री को 30 दिन में हटाने का प्रावधान होगा।
ऑनलाइन गेमिंग पर बैन लगाने वाला बिल
ऑनलाइन गेमिंग पर बैन लगाने वाला बिल को कैबिनेट ने मंगलवार को मंजूरी दी है। इसमें ऑनलाइन मनी गेमिंग, विज्ञापन, खेल के लिए उकसाने वाले को सजा-जुर्माना या दोनों हो सकता है। तीन साल तक कैद या 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं।
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