कहा, ईसीसी ज्ञानेश कुमार उन लोगों की कर रहे रक्षा, जिन्होंने किया भारतीय लोकतंत्र को बर्बाद
कहा, ईसीसी ज्ञानेश कुमार उन लोगों की कर रहे रक्षा, जिन्होंने किया भारतीय लोकतंत्र को बर्बाद
खबर खास, नई दिल्ली :
वोट चोरी को लेकर कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को दूसरी पत्रकारवार्ता कर वोट चोरी के आरोप लगा कर सबूत दिखाने का दावा किया। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग जानबूझकर कांग्रेस के वोटों को निशाना बना उनके नाम मिटा रही है। इस दौरान राहुल अपने साथ कर्नाटक से ऐसे कुछ वोटर्स को लेकर जिनके नाम वोर्टस लिस्ट से मिटा दिए गए थे।
राहुल ने आरोप लगाया कि भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार उन लोगों की रक्षा कर रहे हैं, जिन्होंने भारतीय लोकतंत्र को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, हरियाणा और यूपी में भी यही हो रहा है। राहुल ने कहा कि वह पुख्ता सबूतों के साथ अपनी बात कह रहे हैं कि देश के दलित और ओबीसी इनके निशाने पर है। बकौल राहुल, उन्हे अपने देश और संविधान से प्यार है और वह अपने संविधान की रक्षा करेंगे।
राहुल ने दावा किया कि कर्नाटक् के आलंद में 6018 वोट खत्म किए गए। राहुल ने इसे
लेकर उस कन्नड वोटर को मंच पर बुलाया जिसने 12 लोगों के नाम डिलीट किए। उस शख्स ने मंच से कहा कि उसके नाम से 12 लोगों का नाम डिलीट कर दिया गया, जिसकी उन्हें जानकारी ही नहीं। उक्त वोटर ने कहा कि उन्होंने न तो किसी को मैसेज किया और न ही किसी का नाम डिलीट किया।
यूं हुआ खुलासा
राहुल गांधी ने कहा कि 'आलंद कर्नाटक का एक विधानसभा क्षेत्र में किसी ने 6,018 वोट डिलीट करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि हमें नहीं पता कि 2023 के चुनाव में कुल कितने वोट डिलीट किए गए, लेकिन यह संख्या 6,018 से कहीं ज्यादा थी। बस इतनी बात हुई कि इन 6,018 वोटों को डिलीट करते समय गलती से मामला पकड़ में आ गया। हुआ यूं कि वहां की एक बूथ-लेवल अधिकारी ने देखा कि उसके चाचा का वोट डिलीट हो गया है। उसने जांच की कि उसके
चाचा का वोट किसने डिलीट किया, तो पता चला कि पड़ोसी ने डिलीट किया है। जब उसने अपने पड़ोसी से पूछा तो उसने कहा कि मैंने कोई वोट डिलीट नहीं किया। यानि न तो जिस व्यक्ति ने वोट डिलीट किया और न ही जिसका वोट डिलीट हुआ- दोनों को इस बारे में कुछ पता था. असल में किसी और ताकत ने सिस्टम को हाईजैक करके ये वोट डिलीट किए थे।
संविधान व लोकतांत्रिक प्रक्रिया से प्यार, उसकी रक्षा के लिए ही कर रहे प्रयास
राहुल ने कहा कि वह इस मंच से ऐसी कोई बात नहीं करेंगे जो सौ फीसद सच नहीं है। उन्होंने कहा कि वह ऐसे इंसान हैं जो अपने देश से प्यार करते हैं और अपने संविधान व लोकतांत्रिक प्रक्रिया से प्यार करते हैं। उन्होंने कहा कि वह उसी प्रक्रिया की ही रक्षा कर रहे हैं। राहुल ने 'वोट चोरी' के सबूतों पर कहा कि यह हाइड्रोजन बॉम्ब नहीं है। वह आगे आएगा। उन्होंने कहा कि ये एक और उदाहरण है वोट चोरी था। राहुल ने कहा कि पिछली बार उन्होंने एडिशन के बारे में बताया था, आज डिलीशन का बताया है। ये सेंट्रेलेजाइजेशन, कॉल सेंटर के यूज से किए गए हैं। यह सब जानकारी पुख्ता सबूत के साथ बता रहे हैं।
राहुल ने कहा, "हमारी सलाह है कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार जी आप अपना काम कीजिए, कर्नाटक सीआईडी को एक हफ्ते में आप जबाव दें। नहीं तो देश साफ होगा कि आप हिंदुस्तान के कंस्टिट्यूशन की हत्या में शामिल हैं। युवा आपसे जवाब मांगेंगे।" राहुल ने पत्रकारों के प्रश्न के जवाब में कहा कि हमारा काम आपके सामने सच्चाई रखने का है। देश में लीगल सिस्टम भी है, उनके भी इसे देखना चाहिए, हम सच्चाई दिखाई, पहले मैंने एडिशन दिखाया, अब डिलीशन दिखाया, दोनों का स्ट्रक्चर दिखाया, सिस्टिम दिखाया, जो जोड़ रहा है और हटा रहा है, हमने सारे पते दिखाए, कर्नाटक-महाराष्ट्र-बिहार में हर जगह एक ही तरह से वोट डिलीट किए गए।
राहुल को जब पत्रकारों ने सवाल किया कि क्या ज्ञानेश कुमार को पता है कि ये कौन कर रहा हैं, कांग्रेस का वोटर हटाए जा रहे हैं और यदि एक हफ्ते में जबाव नहीं दिया गया तो आपका क्या करेंगे, तो राहुल ने कहा कि यह उनका काम नहीं है। उन्होंने कहा कि ये काम देश के लीगल इंस्टीट्यूशन का है, मैं आपको सबूत दे रहा हूं, आपको इस पर एक्शन लेना होगा। भारत में लोकसभा दर लोकसभा वोट चोरी हो रही है। भारत के युवाओं को मेरा काम सच्चाई दिखाई का है। ये संविधान भारत का रखवाला है, मैं इसकी रखवाली कर रहा हूं जो कि मेरा काम नहीं है, ये काम लीगल इंस्टीट्यूशन का है।
चुनाव आयोग के अंदर से कांग्रेस को मिल रही पुख्ता जानकारी, राहुल का दावा
राहुल ने कहा कि अब उन्हें चुनाव आयोग के अंदर से जानकारी आ रही है, जो पहले नहीं आ रही थी। क्योंकि भारत की जनता ये सही मानेगी, क्योंकि जब देश के युवा को एक बार ये पता लगा कि चोरी हो रही है तो वो नहीं सहेंगें। मैं सब कुछ सबूत के साथ दिखाऊंगा, मैं अभी नीव तैयार कर रहा हूं, हाइड्रोजन बम में सब कुछ ब्लैक-व्हाइट है। देश की डेमोक्रेसी हाईजेक हो गई है।"
राहुल ने आरोप लगाया कि सेंट्रलाइज्ड तरीके से नामों को वोटर लिस्ट से डिलीट किया गया। इसके लिए सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल हुआ। उदाहरण देते हुए कहा- इन सीरियल नंबर को देखिए, हर जगह सीरियल नंबर वन है। इसका मतलब है कि ये बूथ का पहला वोटर है। सॉफ्टवेयर बूथ के पहले नंबर के वोटर को चुन रहा है और डिलीट कर रहा है। सॉफ्टवेयर प्रोग्राम कह रहा है कि सीरियल नंबर 1 को निकालो और उसकी ओर से डिलीट करो।
कर्नाटक सीआईडी ने 18 महीनों में भेजे 18 पत्र, पर चुनाव आयोग ने नहीं दिए जवाब
राहुल ने कहा कि वह ज्ञानेश कुमार के खिलाफ इतने सीधे आरोप क्यों लगा रहे हैं इस बारे में कर्नाटक में इस मामले की जांच जारी है। कर्नाटक सीआईडी ने 18 महीनों में चुनाव आयोग को 18 पत्र भेजे। कुछ बहुत ही सरल तथ्य मांगे हैं। इसमें उन डेस्टिनेशन की आईपी मांगी गई जिससे ये फॉर्म भरे गए। उन डिवाइस डेस्टिनेशन पोर्ट्स जिससे ये आवेदन दाखिल किए गए। इसके अलावा ओटीपी ट्रेल्स मांगी गई क्योंकि आवेदन दाखिल करने के लिए ओटीपी लेना पड़ता है। सीआईडी ने 18 बार जानकारी मांगी लेकिन चुनाव आयोग ने यह जानकारी नहीं दी। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे खुलासा हो जाएगा कि यह सब ऑपरेशन कहां से चल रहा है।
दूसरे प्रदेशों के नंबरों से किए गए वोट डिलीट
राहुल ने कहा कि आलंद में जिन वोटर्स के नाम डिलीट किए गए उनको हटाने के लिए दूसरे राज्यों में ऑपरेट हो रहे मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया गया। राहुल ने प्रजेंटेशन में उनके नंबर भी बताए। गोदावाई के 12 पड़ोसी के नाम भी हैं, जिन्हें इन मोबाइल नंबर्स से डिलीट किया गया। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान 63 साल की गोदावाई का वीडियो दिखाया गया। जिसमें उन्होंने कहा- मेरा वोट डिलीट किया गया। मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है।गोदावाई के नाम से फेक लॉगिन बनाया गया। 12 वोटर्स के नाम डिलीट किए गए।
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