आरोप है कि दोनों वकीलों ने साथी वकीलों के साथ मारपीट कर लहराई थी तलवार, घटना को लेकर वकीलों ने वर्क किया सस्पेंड
आरोप है कि दोनों वकीलों ने साथी वकीलों के साथ मारपीट कर लहराई थी तलवार, घटना को लेकर वकीलों ने वर्क किया सस्पेंड
खबर खास, चंडीगढ़ :
पंजाब एवं हरियाणा बार काउंसिल ने चंडीगढ़ हाईकोर्ट परिसर में वकीलों के बीच हुई मारपीट की घटना को गंभीरता से लेते हुए दो वकीलों के लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं। इन दोनों वकीलों पर आरोप है कि इन्होंने न सिर्फ अपने साथ वकीलों के साथ मारपीट की ब्लकि परिसर में तलवार भी लहराई थी। यह घटना बुधवार की है। गुरुवार को वकीलों ने इसे लेकर कामकाज सस्पेंड किया है।
इस बारे में बार काउंसिल की स्पेशल डिसीप्लनरी कमेटी ने बताया कि यह मामला बेहद गंभीर है। वकील रवनीत कौर और सिमरनजीत सिंह ब्लासी ने खुलेआम हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों और अन्य सदस्यों पर हमला किया। उनके इस व्यवहार को पूरे बार एसोसिएशन का अपमान बताया गया है, क्योंकि उन्होंने न केवल पेशेवर मर्यादा तोड़ी बल्कि वकीलों और जजों के खिलाफ अपशब्द भी कहे। कमेटी के मुताबिक इन दोनों वकीलों के बार-बार के ऐसे काम न्यायिक प्रणाली को बदनाम करने वाले हैं। दोनों ने वकीलों और जजों पर बेबुनियाद आरोप लगाए और कोर्ट की गरिमा को ठेस पहुंचाई। कमेटी ने दोनों वकीलों को नोटिस भेजा है और 19 सितंबर को पेश होने को कहा है।
घटना के बाद पुलिस ने रवनीत कौर और सिमरनजीत सिंह ब्लासी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। उन पर धारा 115(2) (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 126(2) (गलत तरीके से रोकना), 109(1) (हत्या की कोशिश), 351(2) (धमकी देना) और 3(5) (साझा इरादा) के तहत केस हुआ है।
कमेटी ने बताया कि 17 सितंबर को रवनीत कौर ने चीफ जस्टिस कोर्ट में जाकर यह झूठा आरोप लगाया कि बार का सचिव उसका बैग और लैपटॉप जब्त कर चुका है। इसके बाद रवनीत कौर और ब्लासी ऑफिस में घुस आए और वहां हंगामा करने लगे। इस दौरान वकीलों के साथ धक्का-मुक्की और मारपीट भी हुई।
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि वकील ब्लासी कोर्ट परिसर में तलवार लेकर घूमते दिखाई दिए और उन पर आरोप है कि उन्होंने सचिव और अन्य वकीलों पर हमला भी किया। इस घटना से पूरे परिसर में डर और तनाव का माहौल बन गया।
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