प्रदेश सरकार पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध
प्रदेश सरकार पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध
खबर खास, शिमला :
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सुशासन को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए प्रदेश सरकार ने लोगों के लंबे समय से लंबित राजस्व मामलों को उनके घर-द्वार के समीप निपटाने के लिए राजस्व लोक अदालतों की शुरुआत की है।
प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि यह लोक अदालतें उप-तहसील और तहसील स्तर पर नियमित रूप से आयोजित की जा रही हैं। अक्तूबर, 2023 से अगस्त, 2025 तक 4,33,242 से अधिक राजस्व मामले निपटाए जा चुके हैं। इनमें 3,60,105 इंतकाल, 22,592 तकसीम 39,835 निशानदेही और 10,710 रिकॉर्ड सुधार के मामले शामिल हैं। इस पहल से प्रदेश के लोगों को बड़ी राहत मिली है और उन्हें बार-बार सरकारी दफ्तरों में जानेे से छुटकारा मिला है।
प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश सरकार ने 30 अक्तूबर, 2023 से विशेष अभियान चलाकर राजस्व लोक अदालतों की शुरुआत की थी। यह लोक अदालतें अब हर महीने के अंतिम दो दिनों में नियमित रूप से आयोजित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि पहली बार किसी राज्य सरकार ने मिशन मोड में राजस्व मामलों के निपटारे के लिए लोक अदालतों की शुरूआत की है और इसके बेहतर परिणाम सामने आए हैं।
उन्होंने कहा कि राजस्व लोक अदालतों को जनता का व्यापक समर्थन मिला है और लोग बड़ी संख्या में अपने मामलों के समाधान के लिए इस व्यवस्था को अपना रहे हैं। इस पहल से राजस्व संबंधित लंबित मामलों के निपटान को गति मिली है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि ‘सुशासन ही प्रभावी शासन की नींव होती है। प्रदेश सरकार लोगों की समस्याओं का समाधान करने और उनके घर-द्वार के समीप जन सेवाये उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग में प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए भी सरकार ने कई सुधार किए गए हैं, ताकि आमजन को अधिक सुविधा मिल सके।’
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