* कहा, सभी सीपी/एसएसपी 31 मई तक नशों के खात्मे के लिए अपनी योजना पेश करेंगे * बोले, बेहतर प्रदर्शन के लिए इनाम व खराब प्रदर्शन वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी
* कहा, सभी सीपी/एसएसपी 31 मई तक नशों के खात्मे के लिए अपनी योजना पेश करेंगे * बोले, बेहतर प्रदर्शन के लिए इनाम व खराब प्रदर्शन वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी
खबर खास, चंडीगढ़ :
प्रदेश में नशे के खिलाफ छेड़ी मुहिम को लेकर डीजीपी गौरव यादव ने कल यानि मंगलवार को सभी जिलों के एसएसपी और पुलिस कमीशनरों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे। इस बात की जानकारी आज, चंडीगढ़ में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में उन्होंने दी। उन्होंने कहा कि इस दौरान सभी अधिकारी 31 मई तक प्रदेश में नशे के खात्मे को लेकर अपनी योजनाएं पेश करेंगे। इसके अलावा बेहतर प्रदर्शन के लिए इनाम व खराब प्रदर्शन वाले अधिकारियों की जवाबदेही भी तय की जाएगी। इस मौके पर उनके साथ स्पेशल डीजीपी एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) कुलदीप सिंह, एडीजीपी एएनटीएफ नीलाभ किशोर और आईजीपी मुख्यालय डॉ. सुखचैन सिंह गिल भी मौजूद थे।
डीजीपी ने बताया कि
नशों के खात्मे के लिए छेड़ी गई राज्य स्तरीय मुहिम 'युद्ध नशों विरुद्ध' के दौरान नशा तस्करी करने वाले नेटवर्क को बड़ा कानूनी झटका देते हुए, पंजाब पुलिस ने 1 मार्च, 2025 से एनडीपीएस एक्ट के मामलों में 89 फीसदी सजा दर प्राप्त करके कानूनी पक्ष पर महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। जानकारी के अनुसार, 1 मार्च, 2025 से राज्य भर में एनडीपीएस एक्ट के कुल 836 मामलों का फैसला किया गया, जिनमें से 744 मामलों में दोष साबित हुए हैं।
डीजीपी ने कहा, “इन मामलों में, 144 ड्रग सरगनाओं को 10 साल या उससे अधिक कैद की सख्त सजा सुनाई गई है, जो कि नशा तस्करी के मामलों में कानून प्रवर्तन और न्यायिक प्रक्रियाओं की गंभीरता को दर्शाती है।”
डीजीपी ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने 31 मई तक नशों की जमीनी स्तर पर उपलब्धता को शून्य करने के लिए समय सीमा निर्धारित की है, इसलिए सभी सीपीज/एस एस पीज को अपने-अपने अधिकार क्षेत्रों में पेशेवर पुलिसिंग को सुनिश्चित करके "मिशन नशा मुक्त पंजाब" का व्यक्तिगत रूप से नेतृत्व करने के निर्देश दिए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि डीजीपी ने मंगलवार को सभी सीपीज/एस एस पीज की एक समीक्षा बैठक भी बुलाई है, जिसमें सभी जिला प्रमुख 31 मई तक अपने-अपने जिलों से नशों के खात्मे के लिए अपनी योजना पेश करेंगे।
उन्होंने कहा, "सीपीज/एस एस पीज को यह लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सभी आवश्यक उपायों की योजना बनाने और लागू करने के साथ-साथ 31 मई, 2025 तक कोई लक्षित तिथि - जिस तिथि तक उनके क्षेत्र पूरी तरह से नशा मुक्त हो जाएंगे – निर्धारित करने के निर्देश दिए गए हैं।" उन्होंने कहा कि 31 मई के बाद, वास्तविक जमीनी हकीकत की पुष्टि करने के लिए खुफिया स्रोतों और अन्य साधनों का उपयोग करके क्षेत्रीय मूल्यांकन किया जाएगा।
डीजीपी ने अधिकारियों को कहा कि बेहतर प्रदर्शन के लिए इनाम दिया जाएगा, जबकि झूठे दावे करने वाले अधिकारियों या जिनका प्रदर्शन मानकों के अनुरूप नहीं पाया जाता है, तो उनकी जवाबदेही और जिम्मेदारी तय की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिस का ध्यान आंकड़ा-आधारित लक्ष्यों पर नहीं है, बल्कि राज्य भर में नशों के खात्मे के लिए आपूर्ति श्रृंखलाओं को पूरी तरह से तोड़ना है।
उन्होंने कहा कि सीपीज/एस एस पीज को पहले ही निर्देश दिए गए हैं कि वे एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज किए जा रहे मामलों के अगले-पिछले संबंधों को ट्रेस करके और पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करके मामलों को तार्किक निष्कर्ष पर ले जाएं।
राज्य से नशों की बुराई को खत्म करने के लिए अधिक से अधिक नागरिकों को इस अभियान में शामिल करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए डीजीपी गौरव यादव ने राज्य के लोगों से नशा तस्करों की गुप्त रूप से रिपोर्ट करने के लिए सेफ पंजाब एंटी ड्रग हेल्पलाइन '9779100200' का अधिक से अधिक उपयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हेल्पलाइन पर प्राप्त होने वाली हर सूचना की रोजाना निगरानी की जा रही है और मुख्यमंत्री व्यक्तिगत रूप से प्रगति की समीक्षा कर रहे हैं।
बता दें कि पंजाब पुलिस ने सेफ पंजाब ड्रग हेल्पलाइन पर लोगों से प्राप्त जानकारी के आधार पर 503 एफआईआर दर्ज की हैं और 659 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है।
डीजीपी ने कहा कि पंजाब पुलिस ने नशा तस्करों को आर्थिक तौर पर कमजोर करने के लिए तीन-तरफ़ा रणनीति अपनाई है, जिसमें हवाला नेटवर्क को ध्वस्त करना, संपत्तियों को जब्त करना और गैर-कानूनी निर्माणों पर बुलडोजर चलाना शामिल है।
नशा तस्करों के आर्थिक बुनियादी ढांचे को बड़ा झटका देते हुए पुलिस ने 31 हवाला संचालकों को गिरफ्तार किया है और उनके कब्जे से 8.03 करोड़ रुपये की ड्रग मनी जब्त की है, जबकि एनडीपीएस एक्ट की धारा 68-एफ के तहत 81 तस्करों की 32.95 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त किया है, जिससे वे पैसे को लॉन्ड्रिंग या अपराध में पुनर्निवेश नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा स्थानीय अधिकारियों द्वारा कानून के अनुसार नशा तस्करों की गैर-कानूनी रूप से बनी 72 संपत्तियों को ढहा दिया गया है।
डीजीपी ने कहा कि नशों के विरुद्ध यह जंग आंकड़ों पर आधारित नहीं है, पंजाब सरकार नशा पीड़ितों के साथ सहानुभूतिपूर्वक पेश आ रही है और थोड़ी मात्रा में नशीले पदार्थों के साथ पकड़े गए 689 व्यक्तियों को एनडीपीएस एक्ट की धारा 64-ए के तहत प्रावधान का उपयोग करते हुए जेल भेजने के बजाय उन्हें इलाज के लिए नशा मुक्ति केंद्रों में भेजा गया है।
राज्य में चल रहे अभियान “युद्ध नशों विरुद्ध” के 59 दिन पूरे होने संबंधी नतीजों को साझा करते हुए उन्होंने बताया कि पुलिस टीमों ने 1 मार्च, 2025 से अब तक एनडीपीएस एक्ट के तहत 4659 एफआईआर दर्ज करके 1877 बड़ी मछलियों सहित 7414 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया है और उनके कब्जे से 297 किलोग्राम हेरोइन, 100 क्विंटल भुक्की, 153 किलोग्राम अफीम, 95 किलोग्राम गांजा, 21.77 लाख गोलियां/कैप्सूल और 8.03 करोड़ रुपये ड्रग मनी बरामद की है। उन्होंने आगे कहा कि इन कुल गिरफ्तारियों में से, कम से कम 908 बार-बार लक्षित और प्रभावशाली सी ए एस ओ कार्रवाइयों के दौरान 755 पहचाने गए नशा स्थलों से 1774 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि पंजाब पुलिस ने नशों के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है और 1 मार्च, 2025 से अब तक आत्मरक्षा में पुलिस टीमों द्वारा की गई जवाबी गोलीबारी में 62 नशा तस्कर/गैंगस्टर घायल हुए हैं।
महत्वपूर्ण परियोजना प्रगति अधीन— एंटी ड्रोन तकनीक और विशेष एनडीपीएस अदालतें
डीजीपी ने बताया कि भारत-पाक सीमा पर एंटी-ड्रोन सिस्टम के ट्रायल किए जाने के बाद, पंजाब सरकार इस साल सितंबर या अक्टूबर तक नशों और हथियारों की तस्करी करने वाले ड्रोन को रोकने के लिए यह उन्नत सिस्टम स्थापित करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि 22.8 करोड़ रुपये के वार्षिक खर्च के साथ 30 विशेष एनडीपीएस एक्ट अदालतें स्थापित करने का प्रस्ताव भी राज्य सरकार के विचाराधीन है।
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